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कुपोषित बच्चों को सरकारी खर्च पर मिलेगा 'सेरेलेक'

जागरण संवाददाता, एटा: स्कूलों में मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के साथ ही अब नई पहल

By Edited By: Published: Sun, 23 Nov 2014 06:39 PM (IST)Updated: Sun, 23 Nov 2014 06:39 PM (IST)
कुपोषित बच्चों को सरकारी खर्च पर मिलेगा 'सेरेलेक'

जागरण संवाददाता, एटा: स्कूलों में मध्यान्ह भोजन और आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार के साथ ही अब नई पहल होने जा रही है। कुपोषण के शिकार बच्चों की सेहत सुधारने को सरकारी खर्च पर सेरेलेक (पूरक आहार) उपलब्ध कराया जाएगा। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति इसके लिए बजट का इंतजाम करेगी, जबकि आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री गांवों में ऐसे कमजोर बच्चों को चिन्हित कर सेरेलेक बांटने का कार्य करेंगी।

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कुपोषण से होने वाली मौतों को लेकर शासन-प्रशासन नए-नए प्रयासों में जुटा है। इसके तहत ही सेरेलेक की पहल की गई है। प्रत्येक ग्राम सभा में बनाई गई ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण समिति के माध्यम से इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। समिति को सफाई, स्वास्थ्य आदि कार्यो के लिए प्रतिवर्ष 20 हजार रुपये का बजट दिया जाता है। समिति के खाताधारक प्रधान और एएनएम इस बजट में से ही सेरेलेक का इंतजाम करेंगे। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री अपने-अपने क्षेत्रों में बच्चों का वजन करके कुपोषित बच्चों को चिन्हित और पंजीकृत करेंगी। ऐसे बच्चों के परिजनों को वे समिति के माध्यम से उपलब्ध कराए गए सेरेलेक के डिब्बे देंगी। आमतौर पर गांव में जानकारी के अभाव या आर्थिक कमजोरी के चलते लोग सेरेलेक का प्रयोग नहीं कर पाते। ऐसे लोगों के लिए यह पहल कारगर रहने की संभावना है।

जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने बताया, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री कुपोषित बच्चों के अभिभावकों को सेरेलेक के अलावा पोषण संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराएंगी। उन्होंने कहा, कुपोषित बच्चों की अतिरिक्त देखभाल करना बहुत जरूरी है। इस संबंध में ग्राम प्रधानों को भी सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।

अस्पतालों में शाम को चलेंगे जेनरेटर

सरकारी अस्पतालों में जेनरेटर न चलाए जाने की शिकायत पर डीएम ने नाराजगी जताई है। उन्होंने निर्देश दिए हैं, शाम 6 बजे से रात 10 बजे के बीच बिजली नहीं आने पर आवश्यक रूप से जेनरेटर चलाए जाएं। सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने बताया, डीजल का पर्याप्त बजट न होने के कारण जेनरेटर नहीं चल पा रहे थे। अब शासन से बजट उपलब्ध हो गया है। जेनरेटर न चलाए जाने की शिकायत पर संबंधित स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई की जाएगी।


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