.. कहीं भारी न पड़ जाएं ये लापरवाही!
जागरण संवाददाता, पलवल : हथीन विवाद में समाज के प्रबुद्ध लोग और प्रशासन द्वारा दोनों समुदायों के बीच
जागरण संवाददाता, पलवल : हथीन विवाद में समाज के प्रबुद्ध लोग और प्रशासन द्वारा दोनों समुदायों के बीच कटुता दूर करने का प्रयास पूरी तरह कामयाब नहीं हो सका। शनिवार रात आगजनी की घटना का हो जाना इस बात का प्रमाण है। कर्फ्यू होने के बावजूद इस घटना का घटित होना सुरक्षा बंदोबस्त पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है। पुलिस प्रशासन की यह लापरवाही किसी रोज भारी भी पड़ सकती है।
फर्नीचर हाउस में लगी आग के बाद कस्बे के लोगों में भी यही चर्चा है कि कर्फ्यू लगा होने के बावजूद उपद्रवी पुलिस की नजरों से बचकर वारदात को कैसे अंजाम दे गए। हैरत की बात यह भी है कि जिस दुकान में आग लगी और जिन दूसरी दुकानों में आग लगाने का प्रयास किया गया, उससे चंद कदमों की दूरी पर पुलिस नाका लग रहा है। इस नाके पर चौबीस घंटे पांच पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। सवाल उठता है कि घटना के वक्त ये पांचों पुलिसकर्मी कहां थे?
गिरफ्तारी में हो रही देरी
हथीन प्रकरण में आइजी ममता सिंह ने एसआइटी तो गठित कर दी, लेकिन जांच पड़ताल में देरी से भी प्रभावित लोगों में बेहद गुस्सा है। हिंसा की चपेट में आए लोगों का कहना है कि दर्ज की एफआइआर में तुरंत गिरफ्तारियां शुरू हो तो तनावपूर्ण माहौल में सुधार होगा। एसआइटी इस मामले में शनिवार को पहली बार थाने पहुंची थी, जो एफआइआर पढ़कर वापस चली गई।
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गुप्तचर दे रहे हैं अंदरूनी सूचनाएं
इस विवाद में 11 नवंबर की रात हुई हिंसा व उपद्रव के दौरान जिस पैमाने पर तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट व हत्या के प्रयास की घटनाएं हुई है, उससे दोनों पक्षों के बीच वैमनस्य का भाव है। कुछ असामाजिक तत्व इस विवाद की आड़ में हिंसात्मक माहौल बनाकर रखना चाहते हैं। गुप्तचर कर्मी इस बात की सूचनाएं भी दे रहे हैं कि अंदरखाने दोनों समुदायों के बीच गुस्सा बरकरार है। इसलिए सुरक्षा बंदोबस्त में किसी तरह की ढिलाई बरतना घातक साबित हो सकता है।
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पुलिस की तरफ से सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं। रात जो घटना हुई है, उसकी गहनता से जांच चल रही है। नाकाबंदी बढ़ा दी गई है। रात के वक्त गश्त के लिए पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ा दी है। हर स्थिति पर निगाह रखी जा रही है। किसी भी सूरत में हालात बिगड़ने नहीं दिए जाएंगे।
- कुलदीप सिंह, पुलिस अधीक्षक, पलवल।