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सब रस साहित्य संगम ने दी श्रद्धांजलि

संवाद सहयोगी, कठुआ : जम्मू की संस्कृति को बढ़ावा देने और सामाजिक सुधारों में अपनी अहम भूमिका निभाने

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 01:02 AM (IST)
सब रस साहित्य संगम 
ने दी श्रद्धांजलि

संवाद सहयोगी, कठुआ : जम्मू की संस्कृति को बढ़ावा देने और सामाजिक सुधारों में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले कलाकारों को सब रस साहित्य संगम ने श्रद्धांजलि दी गई। शनिवार को शहर के टाउन हाल में आयोजित समारोह में साहित्यकार वीरेंद्र केसर, शिक्षाविद् पंडित कृष्ण कुमार केरनी, राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र कठुआ के प्रभारी सहायक निदेशक राजेश गुप्ता को श्रद्धासुमन अíपत करते हुए उन्हें याद किया गया। दो मिनट का मौन रखकर मृतकों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना किया गया।

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संस्था के प्रधान सरदार मनोहर ¨सह ने कहा कि वीरेंद्र केसर एक महान साहित्यकार थे, जिनके निधन से राज्य को गहरी क्षति पहुंची है। वीरेंद्र केसर के जाने से डुग्गर समाज को गहरी क्षति पहुंची है, जिसे शायद ही पूरा किया जा सके। इनके अलावा भड्डू निवासी पंडित कृष्ण कुमार के भी गत दिनों हुए निधन से शिक्षक वर्ग को गहरा धक्का लगा है। जोनल शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए पंडित कृष्ण कुमार कई भाषाओं के ज्ञानी थे, दीपावली के त्योहार के दिनों उनके निधन से गहरा शोक हुआ है। उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र कठुआ के प्रभारी सहायक निदेशक राजेश गुप्ता के निधन पर भी शोक जताते हुए कहा कि कठुआ ने भी ईमानदार अधिकारी खोया है। प्रशासनिक स्तर पर बेहतर सेवाएं गुप्ता दे रहे थे। उन्होंने कहा कि त्योहार के दिनों में ऐसे महान दीपकों के बुझ जाने पूरे समाज को गहरा धक्का लगा है।

कार्यक्रम में करतार वर्मा, विजय शर्मा, खजूर ¨सह, कुंती कुमार, डॉ. परमजीत, टीआर सुंबड़यिा, सोम अकेला, महान ¨सह, सुरेश केसर, कुलदीप कित्ती, शाम लाल आदि ने भी अपनी श्रद्धांजलि अíपत करते हुए कहा कि इन तमाम लोगों की कमी समाज व राज्य को जरूर खलेगी।

रामायण का डोगरी अनुवाद करने वाले पं. कृष्ण केरनी के निधन से शोक

पं. कृष्ण कुमार केरनी के निधन से महानपुर में शोक की लहर है। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव माड़ा पट्टी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इसमें काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने भाग लेकर दिवंगत आत्मा को अंतिम विदाई दी। पंडित केरनी ज्योतिष विद्या के धनी थे, वे राज्य के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने रामायण का डोगरी में अनुवाद किया था। वह भड्डू, बिलावर, बसोहली व महानपुर रामलीला क्लब में डायरेक्टर के पद पर भी थे। स्थानीय पंडित कुलदीप शर्मा ने बताया कि ज्योतिष के क्षेत्र में उन्होंने एक मार्गदर्शक खोया है।


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