उम्मीदवार घोषित करने में कांग्रेस, भाजपा पीछे
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल शनिवार को बज गया, लेकिन रियासत में सत्ता क
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल शनिवार को बज गया, लेकिन रियासत में सत्ता के प्रमुख दावेदारों ने अपनी कवायद करीब तीन माह पहले ही शुरू करते हुए अपने प्रत्याशियों की घोषणा शुरू कर दी थी। इस दौड़ में सिर्फ कांग्रेस और भाजपा ही पीछे है, लेकिन इन दोनों दलों ने भी कई क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों के संकेत देना शुरू कर दिए थे।
विधानसभा चुनावों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा में सबसे पहले बाजी प्रमुख विपक्षी दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने मारी थी। उसने जून के अंत में प्रत्याशियों के चयन की कवायद शुरू कर दी थी। जुलाई से सितंबर तक अपनी चार सूचियां जारी करते हुए 61 प्रत्याशियों को उसने घोषित कर दिया। फिलहाल, 26 सीटों के लिए ही उसे प्रत्याशी तय करने हैं।
पीडीपी के प्रमुख प्रवक्ता नईम अख्तर ने कहा कि हम तो चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कुछेक सीटों को लेकर प्रत्याशियों का चयन शेष था, यह काम अगले सप्ताह तक पूरा कर लिया जाएगा। लगभग दो दर्जन सीटों पर ही हमें अपने उम्मीदवार तय करने हैं।
सत्ताधारी नेशनल कांफ्रेंस ने फिलहाल 46 विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों को घोषित कर रखा है। पार्टी महासचिव अली मुहम्मद सागर ने कहा कि हमने अन्य सीटों के लिए भी संभावित उम्मीदवारों का पैनल बना रखा है। हम इस काम को पहले ही अंजाम देते, लेकिन सितंबर में आई बाढ़ के बाद हमारा ध्यान राहत कार्याें पर रहा। खैर, जल्द ही मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के चुनाव क्षेत्र समेत अन्य सीटों के लिए उम्मीदवारों का फैसला हो जाएगा।
पैंथर्स पार्टी जिसके मौजूदा विधानसभा में तीन विधायक हैं, फिलहाल 25 उम्मीदवारों को तय कर चुकी है। विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ने कहा कि हम सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रहे हैं। हां, कुछेक सीटों पर किसी दल विशेष के साथ हम रणनीतिक गठबंधन से इंकार नहीं किया जा सकता।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रो. सैफुदीन सोज ने कहा कि हमारी एक राष्ट्रीय पार्टी है। हमारा प्रत्याशियों के चयन की एक प्रक्रिया है। उसे पूरा करने पर ही टिकटों का बंटवारा होता है। फिलहाल, सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिए जाने की संभावना है। कांग्रेस आला कमान के पास सभी संभावित प्रत्याशियों की सूची है, जल्द ही उसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले सप्ताह पहले चरण के लिए उम्मीदवारों का एलान कर दिया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि अगले सप्ताह तक हमारे प्रत्याशियों का भी फैसला हो जाएगा। पार्टी आला कमान ही इस बारे में अंतिम फैसला लेगी। लेकिन कई सीटों के लिए पार्टी ने संभावित उम्मीदवारों को पहले ही तैयारी के लिए हरी झंडी दे रखी है।
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न डॉ. अब्दुल्ला होंगे, न बेग
इस बार विधानसभा चुनावों में राज्य की सियासत के चार बड़े धुरंधर मैदान में नजर नहीं आएंगे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग भी शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे। इस तथ्य की पुष्टि खुद उनके पुत्र और राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की है। उन्होंने कहा कि डॉ. साहब अब बुजुर्ग हो चुके हैं, स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। उन्हें आराम की सख्त जरूरत है। वह चुनाव नहीं लडें़गे, लेकिन चुनाव में हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
पीडीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग के अलावा प्रमुख शिया नेता मौलाना इफ्तिखार हुसैन अंसारी भी इस बार विधानसभा चुनाव की दौड़ से बाहर रहेंगे। मौलाना अंसारी का गत दिनों देहांत हो गया है। वह पट्टन से पीडीपी के उम्मीदवार थे, जबकि मुजफ्फर हुसैन बेग अब सांसद बन चुके हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मंगत राम शर्मा का भी इस बार विधानसभा चुनाव लड़ना संदिग्ध हो चुका है। बीमार स्वास्थ्य और संगठन की उपेक्षा के चलते उन्होंने खुद का पार्टी गतिविधियों से दूर रखा है। लेकिन वह पीडीपी की बैठकों में जरूर नजर आए हैं। अलबत्ता, उन्होंने खुद चुनाव लड़ने के बारे में अपना इरादा स्पष्ट नहीं किया है।