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शाम लाल के इस्तीफे केसमर्थन व विरोध में नारेबाजी

संवाद सहयोगी, कठुआ : पीएचई विभाग में कैजुअल कर्मचारियों को नियमित किए जाने में देरी से खफा मंत्री

By Edited By: Published: Sun, 26 Oct 2014 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Oct 2014 01:01 AM (IST)
शाम लाल के इस्तीफे केसमर्थन व विरोध में नारेबाजी

संवाद सहयोगी, कठुआ :

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पीएचई विभाग में कैजुअल कर्मचारियों को नियमित किए जाने में देरी से खफा मंत्री शाम लाल द्वारा दिए गए इस्तीफे का पीएचई र्किमयों ने स्वागत किया है। शनिवार को मंत्री के समर्थन में कर्मचारियों ने अपने कार्यालय के बाहर जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की। पीएचई वर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन व सीपी वर्कर एसोसिएशन के बैनर तले कर्मचारियों ने रजच्य सरकार के विरुद्ध रोष जताते हुए कहा कि सरकार की ढुलमुल नीतियों से खफा होकर ही मंत्री ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि पीएचई कर्मचारी लंबे समय से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्ष करते आ रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पीएचई यूनियन के कुलदीप ¨सह, बलदेव ¨सह, गिरधारी लाल आदि ने कहा कि सरकार का रवैये कर्मचारियों के विरोधी ही रहा है, यही कारण है कि कर्मचारियों को बार बार सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं मिला, सात वर्षों सज् ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया, सीपी वर्करों को टूल किट नहीं दिए जा रहे, इन तमाम मांगों को लेकर ही वे संघर्ष की राह पर चलने को मजबूर हो गए हैं।

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शाम लाल शर्मा के बैनर व नारे को लेकर तनातनी

कठुआ : यहां एक ओर मंत्री शाम लाल द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने पर कुछ कर्मचारियों ने शाम लाल के समर्थन में नारेबाजी की, तो कई कर्मचारियों ने आयोजित बैठक के दौरान शाम लाल के विरुद्ध भी नारे लगाए। बैठक के दौरान कुछ र्किमयों ने ऐतराज जताते हुए कहा कि मंत्री शाम लाल इस्तीफा दे देंगे और यह बात रात को ही पीएचई नेताओं को कैसे पता चल गई और इतना बड़ा शाम लाल के बैनर का प्रबंध भी कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि यह सब साजिश के तहत ही हो रहा है, मंत्री छह वर्षों तक कहां थे और अब चुनावों से चंद दिन पूर्व इस्तीफा का ड्रामा कर उनकी भावनाओं से खेलने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएचई कर्मचारियों के आंदोलन में किसी भी तरह की राजनीतिक दखलअंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीएचई नेता भी मंत्रियों, अधिकारियों की जी हजूरी करने के बजाय कर्मचारियों के हकों को लेकर ध्यान दें।


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