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भारती भी है पीड़ित : हाईकोर्ट

By Edited By: Published: Wed, 02 Apr 2014 09:58 PM (IST)Updated: Wed, 02 Apr 2014 09:58 PM (IST)
भारती भी है पीड़ित : हाईकोर्ट

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : कानून जातिवाद को नहीं मानता। प्रेमी युगल में से किसी एक को मौत के घाट उतार देना सबसे बड़ा अपराध है। भारती यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ। इसलिए नीतीश के परिजन ही नहीं भारती यादव भी पीड़ित है। प्रेमी की हत्या के बाद उसे मजबूर किया गया कि वह गलत बयान दे। यह टिप्पणी दिल्ली हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति गीता मित्तल व न्यायमूर्ति जेआर मिढ़ा की खंडपीठ ने अपने फैसले में की।

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अदालत ने कहा कि जीवनसाथी चुनना मौलिक अधिकार है। यह जीने के अधिकार के तहत आता है। किसी भी लड़की या महिला से उसका जीवनसाथी चुनने का अधिकार छीन लिया जाता है तो वह भी ऑनर किलिंग की पीड़ित ही है।

झूठ बोलकर भी भाईयों को नहीं बचा पाई

खंडपीठ ने कहा कि भारती यादव नीतीश कटारा हत्याकांड की अहम गवाह थी। वह जानती थी कि नीतीश को उसके भाईयों ने मारा है, लेकिन परिजनों के दबाव में अदालत में उसने झूठ बोला कि वह नीतीश से प्यार नहीं करती थी और न ही उनकी दोस्ती थी। इसलिए उसके परिजनों द्वारा नीतीश को नापसंद करने एवं उसकी हत्या करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। भारती ने यह झूठ भाईयों को बचाने के लिए बोला था, लेकिन अभियोजन के मजबूत केस के चलते वह उन्हें नहीं बचा पाई। पुलिस द्वारा पेश किए गए टेलीफोन रिकार्ड, फोटो और एसएमएस का रिकार्ड यह साबित करता है कि भारती नीतीश से प्रेम करती थी। हत्या से एक दिन पहले उसकी कई बार फोन पर नीतीश से बात हुई। उसने नीतीश को उसके भाईयों द्वारा ले जाने के बाद नीलम कटारा से भी बात की थी और घटना के अगले दिन नीतीश के फोन पर बार-बार संपर्क साधने का प्रयास भी किया। इससे साबित होता है कि वह नीतीश से प्रेम करती थी और उसे घटना के बारे में जानकारी थी।


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