बीटीसी की पढ़ाई सात माह हुई लेट
कानपुर, जागरण संवाददाता : कानपुर समेत प्रदेश के बीटीसी कॉलेजों में नया सत्र सात माह लेट होने से सत्र शून्य होने की कगार पर पहुंच गया है। हर साल जुलाई माह में नया सत्र शुरू हो जाता था, जबकि आवेदन के बाद चयनित छात्रों की काउंसिलिंग जून में खत्म हो जाती थी। प्रवेश के छह माह बाद आयोजित की जाने वाली सत्र परीक्षाओं का समय गुजर जाने के चलते प्रदेश के 70 डायट व पांच सौ स्ववित्तपोषित बीटीसी में प्रवेश लेने के इंतजार में करीब 35 हजार छात्रों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है।
डायट व प्रदेश के स्ववित्तपोषित बीटीसी कॉलेज में प्रवेश लेने की ख्वाहिश रखने वाले सात लाख छात्रों ने इस साल आवेदन किया है। शिक्षा विभाग की ओर से 21 फरवरी को चयनित छात्रों के आवेदन करने की आखिरी तारीख थी। जबकि आवेदन के बाद चयनित किए गए छात्रों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, अब उन्हें विभिन्न जिलों में संचालित डायट व स्ववित्तपोषित कॉलेज आवंटित करना बाकी है। कॉलेज प्रबंधन की माने तो पिछले साल भी बीटीसी की प्रवेश प्रक्रिया देर से शुरू हुई थी। पिछले साल की तुलना में इस साल सत्र और लेट हो गया है।
ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के कारण हुई देरी : इस साल प्रवेश प्रक्रिया में फेरबदल के कारण आवेदन से लेकर कॉलेज के आवंटन की प्रक्रिया में देरी हो रही है। बीटीसी के प्रवेश को इस बार पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया गया है। प्रवेश के लिए बदली गई तकनीक के कारण अभी कॉलेजों का आवंटन शुरू नहीं हो पाया है।
'काउंसिलिंग में देरी के कारण सत्र प्रभावित होता है। चयनित किए गए छात्रों की काउंसिलिंग प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है।'
विनय त्रिवेदी, उप्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष
'इस साल प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन किए जाने से देरी जरूर हुई है, लेकिन आने वाले समय में छात्रों को इस नई प्रक्रिया से राहत मिलेगी। इस बार की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, बस कॉलेज आवंटित होने बाकी हैं। जबकि अगला सत्र समय से शुरू होगा।'
पीके उपाध्याय, प्राचार्य डायट नरवल