मोमिन कांफ्रेंस ने फूंका सरकार के खिलाफ बिगुल
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लोकसभा चुनाव आते ही मुसलमानों से जुड़े मुद्दे फिर सुलगने लगे हैं। कुछ संस्थाएं इन मुद्दों को उठा कर वर्तमान केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश में लग गई हैं। मोमिन कांफ्रेंस ने भी इसके लिए प्रदेश में विरोध का बिगुल फूंक दिया है। कांफ्रेंस का कहना है कि महीना भर पहले रांची में कांफ्रेंस के एक कार्यक्रम में मंच से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी मांगों को मानने का एलान किया था। लेकिन अब तक राज्य सरकार इस मामले में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है।
मोमिन कांफ्रेंस आंदोलन की शुरुआत जमशेदपुर से करने जा रही है। मोमिन कांफ्रेंस के जिलाध्यक्ष मो. नसीम अंसारी ने साकची स्थित एक होटल में संवाददाता सम्मेलन कर बताया कि 16 फरवरी को बिष्टुपुर के मिलानी हाल में सुबह 10 बजे से महासम्मेलन आयोजित होगा। इसमें मोमिन कांफ्रेंस के पदाधिकारी आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अमानत अली अंसारी होंगे। विशिष्ट अतिथि मंजूर अहमद अंसारी को बनाया गया है। नसीम अंसारी ने बताया कि उनकी मांग है कि रंगनाथ मिश्र व सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए। उर्दू शिक्षकों की बहाली को आसान बनाया जाए। जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही दिक्कतें दूर की जाएं। 592 मदरसों के अध्यापकों को सरकारी पे स्केल दिया जाए। मदरसा बोर्ड का गठन किया जाए। वक्फ बोर्ड को लागू किया जाए। अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम को बहाल किया जाए। मुस्लिम बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय दिए जाएं। हैंडलूम से बने कपड़ों के इस्तेमाल को सरकारी दफ्तरों, अस्पतालों और स्कूलों में जरूरी करार दिया जाए।