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यूपी का पहला सोलर रिक्शा

By Edited By: Published: Thu, 06 Feb 2014 03:42 AM (IST)Updated: Thu, 06 Feb 2014 03:43 AM (IST)
यूपी का पहला सोलर रिक्शा

जागरण संवाददाता, आगरा: जीरो रनिंग कॉस्ट के साथ जीरो मैंटीनेंस। पेट्रोल और डीजल वाहनों की तरह वायु प्रदूषण भी नहीं। पेट्रोल और डीजल के दिन-प्रतिदिन बढ़ते दामों की वजह से किराया बढ़ने का झंझट भी नहीं। इन सब खूबियों से 'सोलेरिस टुक-टुक' के आमजन की सवारी बनना लगभग तय है।

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वर्ष 2012 में देश को पहली सोलर पैसेंजर कार का तोहफा देने वाले ताजनगरी के धीरज मिश्रा ने पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों से आम आदमी की जेब पर बढ़ते बोझ को देखते हुए सोलर रिक्शा 'सोलेरिस टुक-टुक' बनाया है। बुधवार को पहला सोलर रिक्शा शहर में पहुंच गया। संजय प्लेस में इसे धीरज और उनकी मां राजश्री मिश्रा ने लोगों को जागरुक करने को रवाना किया। धीरज ने बताया कि वह जब भी कहीं जाते थे तो लोग उनसे आम आदमी के लिए कुछ करने का कहते थे। इसके बाद उन्होंने सीएनजी, पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने पर किराया बढ़ने से परेशान लोगों को निजात दिलाने के बारे में सोचना शुरू किया। तीन माह में उन्होंने सोलर ऊर्जा से संचालित रिक्शे का मॉडल तैयार किया। सौर ऊर्जा से संचालित होने के कारण इसमें अन्य कोई खर्च भी नहीं है। रिक्शे में जो फ्लैक्सिबल सोलर पैनल लगाए हैं, जो करीब 25 वर्ष तक चलेंगे। एक बार चार्ज होने के बाद इसकी बैटरी करीब 70-80 किमी तक चलेगी। लिहाजा सफर करने वालों को कम किराया देना होगा।

एक सप्ताह में शहर में होगा उपलब्ध

उन्होंने बताया कि एक लाख पच्चीस हजार रुपये कीमत का यह रिक्शा एक सप्ताह बाद शहर में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। इस दौरान सोलेरिस टुक-टुक शहर भर में घूमेगा और ड्राइवर राजुद्दीन खां लोगों को उसकी खूबियों से वाकिफ कराएंगे।

सोलर रिक्शा की यह हैं खासियत

ईको फ्रेंडली: सोलेरिस टुक-टुक ईको फ्रेंडली होने से इससे किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता।

फ्लैक्सिबल सोलर पैनल: टुक-टुक में फ्लैक्सिबल सोलर पैनल लगा है, जिसकी एफीशियंसी 21.6 फीसद है। इसमें मोनो क्रिस्टलाइंस सिलिकन सेल लगे हैं, जो काफी मजबूत हैं।

एमपीपीटी डिवाइस: इसमें एमपीपीटी करंट एंप्लीफायर लगे हैं, जो चार्जिग को उच्चतम सीमा पर रखते हैं। वहीं, सोलर चार्जर प्लस लोड कंट्रोलर बैटरी की लाइफ को बढ़ाएगा। इसके अलावा इसमें 850 वॉट की मोटर और 48 वोल्ट की चार बैटरी लगी हुई हैं। यह 400 किग्रा भार तक उठाने में सक्षम है।

धीरज की प्रमुख उपलब्धियां

-वर्ष 2011 में सोलर रेसिंग कार बनाई।

-वर्ष 2011 में आस्ट्रेलिया में हुए व‌र्ल्ड सोलर चैलेंज में विश्व की सर्वाधिक किफायती सोलर कार बनाई।

-ग्रीन ग्लोब अवार्ड, 2012 के टॉप नोमिनी रहे।

-यूपीएससी के चेयरमैन ने वर्ष 2012 में एक्सीलेंसी अवार्ड से सम्मानित किया।

-वर्ष 2012 में देश की पहली सोलर पैसेंजर कार बनाई। इसका अनावरण राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था।

-वर्ष 2013 में सीसीआइ टेक्नोलॉजी एजूकेशन अवार्ड में राष्ट्रीय विजेता बने।

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शहीद मेजर सीएस मिश्रा के बेटे हैं धीरज

धीरज शौर्य चक्र से सम्मानित शहीद मेजर सीएस मिश्रा के बेटे हैं। उन्होंने आगरा के डीपीएस से स्कूली शिक्षा पूरी की है। दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया है। वह अंतरराष्ट्रीय सोलर कार रैली रेस में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

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