टॉप बाक्स- आई वसंत ऋतु बिहिरा को अंत सखी..
जागरण संवाददाता, हाथरस : ब्रज की देहरी हाथरस नगरी में वसंतोत्सव का विशेष महत्व है। आज के दिन होली के लिए चौराहा पर चौक पूरन के साथ ही होली रखी जाती है। एक समय था जब इसी दिन से ही गायन वादन शुरू होता था। वहीं मौसम में भी परिवर्तन हो जाएगा।
वसंत एक उमंग भरा पर्व। इसे ऋतुराज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में खेतों में सरसों मुस्कुराने लगती है और फूलों पर भी तितलियां मडराती हुए नजर आती हैं। इस दिन ही ज्ञान की देवी मां शारदे का प्रकाट्य उत्सव मनाया जाता है। ब्रज की द्वार देहरी कहे जाने वाले इस नगर में होली के पर्व की भी शुरुआत हो जाती है। वहीं कुछ अन्य स्थलों पर पूर्णिमा को भी होलिका दहन स्थल को पूजन की परंपरा की रस्म अदायगी होती है।
मंदिरों में देव प्रतिमाओं को पीले वस्त्र पहनाएं जाएंगे तो वहीं विधि विधान के साथ पूजा अर्चना का दौर होगा। महिलाएं व बच्चे भी पीले वस्त्र धारण किए हुए नजर आएंगी।
इस दिन बाग बेनीराम से जहां मां शारदे की शोभायात्रा निकाली जाएगी। वही मंदिरों में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसे लेकर भी तैयारियों की जा रही है। वहीं पं. उपेन्द्र नाथ चुतर्वेदी और पं. ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि इस दिन मां शारदे की पूजा होती है। इसे ऋतुराज भी कहा जाता है, क्योंकि मौसम में भी परिवर्तन होता है।
इधर अतुल आंधीवाल एडवोकेट ने बताया कि वसंत पंचमी के मौके पर बड़ी होली किला गेट पर भी डाढ़ा पूजन होगा। साथ ही होली भी रखी जाएगी। पं. उपेन्द्र नाथ चतुर्वेदी ने बताया कि दिल्ली वाला मोहल्ला स्थित मंदिर मथुरानाथ जी महाराज पर होली व समाज गायन वसंत पंचमी से शुरू होगा।
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