मच्छरों और मैलाथिन में चल रही जंग
जागरण संवाददाता, मथुरा: मच्छरों और मैलाथिन में एक महीने से जंग चल रही है, पर शहर में मलेरिया भारी पड़ रहा है। हार पालिका ने भी नहीं मानी है। एक महीने से चल रहा फोगिंग अभियान फिर से शुरू हो चुका है।
बस्तियों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिन इलाकों में जलभराव है अथवा नाले गुजरते हैं, वहां हालत ज्यादा खराब हैं। हरियाली वाले इलाकों में भी मच्छरों का प्रकोप थम नहीं रहा। हालांकि पालिका परिषद ने सितंबर माह से मच्छर मार दवा छिड़कने का अभियान चलाया हुआ है, लेकिन उसके गैराज गोदाम में मात्र दो फोगिंग मशीनें हैं, जिनकी वजह से बस्तियों का 35 से 40 दिन के बाद नंबर आ पा रहा है, जबकि मच्छरों का लार्वा एक-दो दिन में ही विकसित हो जाता है।
पिछले माह मानसून की बारिश थमने के साथ ही नगर पालिका परिषद ने फोगिंग अभियान छेड़ दिया था। हर वार्ड में मशीन एक-एक राउंड लगा चुकी है। कीटनाशक दवा के छिड़काव के लिए फोगिंग का दूसरा राउंड भी शुरू करा दिया गया है।
नगर में गंदगी और जलभराव से पैदा होने वाले मच्छरों से निपटने के लिए पालिका प्रशासन मच्छर मार दवा का छिड़काव लगातार करा रहा है, लेकिन मरीजों की संख्या में कमी नहीं है। छोटे वार्डो में फोगिंग मशीन अब तक दो बार घूम चुकी हैं, लेकिन बड़े वार्डो में एक बार ही दवा का छिड़काव हो सका है।
फोगिंग शाम होते ही शुरू हो रही है। प्रतिदिन तीन से चार घंटे चलने वाले फोगिंग अभियान में एक लीटर मैलाथिन, एक लीटर पेट्रोल और बीस लीटर डीजल का व्यय हो रहा है। पालिका अधिकारी पहले आगामी 16 अक्टूबर अथवा ईद के पर्व तक ही अभियान चलाने की सोच रहे थे, लेकिन इसकी डिमांड के कारण अब दूसरा राउंड भी शुरू हो चुका है।
पालिका अध्यक्ष मनीषा गुप्ता बताती हैं कि बाहरी वार्डो में फोगिंग की ज्यादा मांग आ रही है। पालिका एक और फोगिंग मशीन क्रय करेगी, जिससे हर बस्ती का कम से कम आठ दिन में नंबर आ जाए और मच्छरों के प्रकोप से लोगों को राहत मिले।
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