लगेगा मां का दरबार, भक्त भी तैयार
कानपुर स्टाफ रिपोर्टर : मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री के पूजन के साथ ही श्रद्धालु शनिवार से नवरात्र व्रत का शुभारंभ करेंगे। घरों में जहां कलश स्थापना के साथ भगवती का दरबार सजेगा वहीं मंदिरों में भी दर्शन पूजन को भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। मंदिरों में तैयारियां देर रात तक चलती रहीं।
नवरात्र पर मां जगदंबा के स्वागत को मंदिरों व घरों में शुक्रवार को तैयारियां होती रहीं। लोगों ने कलश, दीपक व अन्य पूजन सामग्रियों की खरीदारी की। भक्त प्रतिपदा पर घरों में कलश स्थापित कर मां से सुखी जीवन की कामना करेंगे। काली मठिया, काली बाड़ी, बुद्धा देवी, तपेश्वरी देवी, जंगली देवी, उजियारी देवी, वैष्णो माता दरबार नारामऊ, आशा माता मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। देर रात इन मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर बेरीकेडिंग कर दी गई।
कन्या पूजन से पूरे होते मनोरथ
नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। पूजन सिर्फ दो से दस वर्ष की कन्या का ही किया जाना चाहिए। कन्या पूजन में जाति-पाति का भेद नहीं करना चाहिए।
0 दो वर्ष की कन्या का पूजन कुमारी रूप में करें। इससे दरिद्रता दूर होती है
0तीन वर्ष की कन्या का पूजन त्रिमूर्ति के रूप में करें। इससे सुख समृद्धि आएगी
0चार वर्ष की कन्या को कल्याणी के रूप में पूजने से आर्थिक संकट दूर होगा
0 पांच वर्ष की कन्या का पूजन रोहिणी के रूप में करने से काया निरोगी होगी
0 छह वर्ष की कन्या का पूजन कालिका रूप में करें तो राजयोग व शत्रु पर विजय होगी
0 सात वर्ष की कन्या का पूजन चंडिका रूप में करें तो पद, प्रतिष्ठा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी
0 आठ वर्ष की कन्या शांभवी कहलाती है। उनके पूजन से विवादों विजय श्री मिलती है
0 नौ वर्ष की कन्या का पूजन दुर्गा के रूप में करने से शत्रुओं का नाश होता है और भय दूर होता है
0 दस वर्ष की कन्या का पूजन सुभद्रा रूप में करने से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
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