एंफीथिएटर में दिखती है लापरवाही की दास्तां
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : जनकपुरी डिस्ट्रिक सेंटर की शान रह चुका एंफीथिएटर अब गुमनामी की ओर अग्रसर है। 1998 में बना यह एंफीथिएटर कला से जुड़ी गतिविधियों के लिए बनाया गया था। इसमें फैशन शो से लेकर कई प्रकार की प्रदर्शनी लगाई जाती थी। दो वर्ष तक सब कुछ आराम से चलता रहा, परंतु जब इसकी जिम्मेदारी डीडीए को सौंपी गई तब से अब तक थिएटर के रखरखाव के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इसकारण एक एकड़ में बना एंफीथिएटर अब कूड़ेदान में तब्दील हो चुका है।
थिएटर के आसपास बने भोजनालय का कूड़ा उसमें डाला जाता है। साथ ही वहां आए लोग भी अब उसे कूड़ेदान की तरह इस्तेमाल करते हैं। स्टेज के पीछे बना ग्रीन रूम, जो कभी शोरगुल से जीवंत रहता था अब वह सन्नाटे की मार झेल रहा है और साथ ही ढंग से रखरखाव न किए जाने के कारण जर्जर हालत में है। थिएटर में बनी सीढि़यो में अब दरार दिखने लगी है।
फोटो नंबर 21 यूटीएम 6
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नहीं होती कार्रवाई
एंफीथिएटर की दशा सुधारने के लिए कई बार डीडीए से आग्रह किया गया है, लेकिन अब तक कोई कारवाई नही की गई है।
एम आर वाधवा, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ डिस्ट्रिक्ट सेंटर वेलफेयर एसोसिएशन
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मेरी जानकारी में एंफीथिएटर की जिम्मेदारी अब डीडीए के पास नहीं है, लेकिन मैं एक बार फिर इस मामले की जांच कराकर इससे जुड़ी जानकारी लूंगी।
नीमोधर, सलाहकार (जनसंपर्क) डीडीए
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