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बहुत कठिन है राह एक्सप्रेस-वे की

By Edited By: Published: Wed, 29 May 2013 06:04 PM (IST)Updated: Wed, 29 May 2013 06:38 PM (IST)
बहुत कठिन है राह एक्सप्रेस-वे की

वरिष्ठ संवाददाता, गुड़गांव : नए एवं पुराने गुड़गांव के बीच स्थित एक्सप्रेस वे को पार करना इतना आसान नहीं है जितना कि नजर आता है। हालात यह है कि जाम के चलते नए से पुराने गुड़गांव आने व जाने के लिए लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। चौक पर लगने वाले जाम में जहां वाहन फंसे रहते हैं वहीं पैदल चलने वाले लोग जल्दबाजी के चक्कर में एक्सप्रेस वे पर लगी छह फीट ऊंची रेलिंग पार करने में नहीं हिचकते हैं। यही कारण हैं कि तेजगति से दौड़ने वाले वाहनों के सामने यह आ जाते हैं और मौत के आगोश में पहुंच जाते हैं।

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एक्सप्रेस वे पर चार फुट ओवर ब्रिज, दो अंडरपास (पैदल व दुपहिया वाहनों के) ही बने हुए हैं। जबकि चौपहिया वाहनों के लिए अंडरपास एवं फ्लाईओवर का नितांत अभाव है। यही कारण हैं कि नए व पुराने गुड़गांव के बीच में बना यह एक्सप्रेस वे दोनों आने-जाने वाले वाहनों की गति पर जहां ब्रेक लगाता है वहीं दिन के समय तो हमेशा ही वाहन चालक जाम से जूझते नजर आते हैं। खेड़कीदौला व दूसरे गांव के लोगों को तो श्मशान घाट तक जाने के लिए लंबा चक्कर लगाना होता है। यही कारण हैं कि दिल्ली या जयपुर की ओर से बसों में आने वाले लोग एक्सप्रेस वे के विभिन्न चौक के पहले सर्विस लेन पर ही उतर जाते हैं। ताकि चौक पर लगे जाम के बजाए वह एक्सप्रेस वे पार कर जल्दी दूसरी साइड पहुंच जाए। इसके लिए वह छह फीट ऊंची ग्रिल भी पार करने से नहीं हिचकते हैं। साथ ही वह इस बात से भी नहीं डरते हैं कि दूसरी ओर से तेजगति से आने वाले वाहन की चपेट में आने से दुर्घटना भी घट सकती है। हीरो होंडा चौक के समीप सर्विस लेन सीवर के गंदे पानी से भरी रहती है और मानूसन के समय चौक ड्रेनेज का सही इंतजाम नहीं होने से बारिश के समय एक्सप्रेस वे भी जलमग्न रहता है। पूरे एक्सप्रेस वे पर एक भी शौचालय नहीं है वहीं हर किसी को यदि गुड़गांव से बाहर जाना है, तो उसे टोल देना ही होगा।

जूझना होता है जाम से

पुराने शहर से नए शहर में किसी भी जगह से आने-जाने के लिए वाहन चालकों को जाम से जूझना होता है। यदि एक्सप्रेस वे पर चौपहिया वाहनों के लिए अंडरपास व फ्लाईओवर होते तो यही एक्सप्रेस वे देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है। एक्सप्रेस वे पर चढ़ते ही जाम से जूझना होता है। यही कारण हैं कि एक्सप्रेस वे लोगों के लिए एक बुरे सपने से कम नहीं है।

क्या कहते हैं लोग

सीनियर सिटीजन काउंसिल प्रधान आरएस राठी का कहना है कि एक्सप्रेस वे की खामियों एवं इसके टोल को हटाने को लेकर वह लड़ाई लड़ रहे हैं। इसको लेकर लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अब उनका अभियान सफल होने के कगार पर पहुंच गया है। आज नहीं तो कल जहां टोल हट जाएगा वहीं एक्सप्रेस वे पर व्याप्त खामियों को भी दूर कर दिया जाएगा।

साउथ सिटी क्यू ब्लाक आरडब्ल्यूए प्रधान श्रीपाल जून का कहना है कि एक्सप्रेस वे ने नए व पुराने गुड़गांव के बीच की दूरी बढ़ा दी है। प्रशासन भी एक्सप्रेस वे पर व्याप्त खामियों को दूर करने को लेकर सक्रिय नहीं है और इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। दूसरी ओर एक्सप्रेस वे कंपनी इस रोड की कमाई का कुछ हिस्सा भी यहां की खामी को दूर करने पर खर्च नहीं कर रही है।

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