सुरक्षा में चूक से हुआ हमला: रमन
रायपुर [प्रे]। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नक्सली हिंसा से निपटने में सेना की भूमिका से इंकार करते हुए सोमवार को माना कि 'सुरक्षा में चूक' के कारण गत सप्ताहांत कांग्रेस नेताओं पर हमला हुआ।
सिंह ने मामले की हाई कोर्ट के मौजूदा जज से जांच की मंशा जताते कांग्रेस के इस आरोप को खारिज किया कि परिवर्तन यात्रा के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से गुजरने के दौरान कांग्रेस नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराने का आरोप सही नहीं है। सरकार ने यात्रा में शामिल नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की थी। लेकिन निश्चित तौर पर सुरक्षा में कुछ चूक हुई है। इसकी जवाबदेही तय करने के लिए जांच के आदेश दिए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा में चूक के लिए जो भी जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ जांच रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच में उन स्थितियों का पता लगाया जाएगा, जिसके कारण 25 मई को नक्सलियों ने कांग्रेसी नेताओं पर हमला किया।
यह युद्ध का मैदान नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या नक्सल विरोधी अभियान में सेना को शामिल करने की स्थिति पैदा हो गई है, मुख्यमंत्री ने कहा-बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों से लड़ने के लिए सेना की जरूरत नहीं है। यह कोई युद्ध का मैदान नहीं है। सिर्फ एकीकृत कार्य योजना तथा राज्य और केंद्रीय बलों के बीच उचित समन्वय की जरूरत है।
मौजूदा जज से जांच
सिंह ने छत्तीसग़़ढ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बात कर उनसे जांच के लिए एक मौजूदा जज को यथाशीघ्र प्रतिनियुक्त करने का आग्रह किया है।
उन्होंने नक्सली हमले को लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर आघात बताते हुए कहा कि यह समय राजनीतिक ब़़ढत लेने का नहीं है। 25 मई को जो कुछ भी हुआ वह चिंता की बात है तथा उस बर्बर हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए कडे़ कदम उठाये जाएंगे। नक्सली समस्या से कठोरता से निपटा जाएगा।
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