सामूहिक दुष्कर्म मामले में तीन को उम्रकैद
जागरण संवाददाता, भिवानी : शादी का झांसा देकर एक नाबालिग लड़की से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सोमवार को तीन व्यक्तियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने तीनों आरोपियों को 11-11 हजार रुपये जुर्माने की भी सजा सुनाई है। जुर्माना राशि नहीं देने पर दोषियों को दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने इस मामले में तीन आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में निर्दोष करार दिया है।
अदालत में पेश किए गए चालान के मुताबिक कबीर बस्ती दादरी निवासी 17 वर्षीय राखी को 11 फरवरी 2011 को गांव नाधा निवासी राज सिंह ने फोन कर शिव मंदिर के पास बुलाया। उसने लड़की को अपने साले के साथ शादी करवाए जाने का झांसा दिया। लड़की ने अपने बयान में कहा कि वह वहां पहुंची तो राज सिंह, उसके चाचा का लड़का रवि सफेद रंग की स्कार्पियो गाड़ी में थे। तीनों उसे गाड़ी में बैठाकर अपनी साले सुनील के पास गांव डंढारिया राजस्थान ले गए। वहां उसके साथ कई दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। युवती का कहना था कि वह गांव बिरही कलां निवासी एक युवक से प्यार करती थी। उससे मिलवाने के बहाने भी वह उसे पहले दादरी एमसी कॉलोनी में एक कमरे पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। युवती के भाई कृष्ण ने उसके लापता होने की रपट दादरी शहर थाना पुलिस से की। पुलिस ने रपट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू की। पुलिस ने गांव डंढारिया में सुनील के घर छापा मारकर लड़की को बरामद कर लिया। लड़की की मेडिकल जांच कराई गई, जिसमें दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने लड़की के बयान पर छह व्यक्तियों के खिलाफ अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया था।
सोमवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सरिता गुप्ता की स्पेशल महिला फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस मामले में मुख्य दोषी गांव बिरही कलां निवासी सोमवीर गांव डंढारिया निवासी सुनील व उसके जीजा गांव नांधा निवासी को धारा 376जी के तहत उम्रकैद एवं सात-सात हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि न दिए जाने दोषियों को दो-दो माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। अदालत ने सुनील को धारा 363, 366 व 120बी के तहत के तहत सात साल कैद एवं चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में गांव बिरही कलां निवासी भूपेंद्र, सतनाली रोड बाढड़ा निवासी अजीत व सुरेश को निर्दोष करार दिया। आरोपी भूपेंद्र की पैरवी कर रहे एडवोकेट मनोज बेडवाल ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि भूपेंद्र पूरी तरह से निर्दोष था, जिसे बेगुनाह साबित किया गया है। पीड़िता राखी की सामूहिक दुष्कर्म के बाद सदमे में ही बीमार रहने के कारण 20 मार्च 2011 को मौत हो गई थी।
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