आम के बौर में लगने लगा खर्रा रोग
मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : क्षेत्र में आम के पेड़ों पर इस बार अच्छे बौर आए हैं। उनकी सोंधी सुगंध मन को प्रसन्न कर दे रही है। बावजूद इसके किसान चिंतित हो चले हैं। क्योंकि बौर में अब खर्रा रोग का प्रकोप दिखने लगा है। इससे टिकोरे कम लगने की आशंका उत्पन्न होने लगी है। चिंता इस बात की भी है कि इस रोग पर मैंगो मिली बग नामक दवा के छिड़काव का भी कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है।
फलों का राजा कहे जाने वाले आम के बगीचे क्षेत्र में बहुतायत में हैं। शुरू में इस पर अच्छी बौर (मंजरिया) आने से किसानों में खुशी थी कि इस बार अच्छे फल लगेंगे किंतु थोड़े ही दिनों में यह खुशी काफूर होने लगी है। बौरों में लग रहे खर्रा रोग ने टिकोरों के लगने की संभावना को कम कर दिया है। प्रारंभ में तो किसानों ने जानकार लोगों से संपर्क कर आम के पेड़ में बौर आने से पहले ही दवा का छिड़काव कर दिया एवं बौर आने के बाद मैंगो मिली बग नामक दवा भी छिड़का किंतु रोग का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्र के करहां, खुशामदपुर, बंदीकला, सुरहुरपुर, भातकोल आदि क्षेत्रों में आम के पेड़ों में बौर लगने के बाद भी टिकोरे नहीं दिख रहे हैं। इससे किसान चिंतित है। आम के फल से अच्छी आय पाने की उम्मीद लगाए बैठे लोगों के मन में निराशा घर कर रही है। हरिहर सोनकर, प्रदीप सोनकर, गोपाल सोनकर, मदनू सोनकर, मिठाई सोनकर ने अबकी बार आम की फसल में लगे खर्रा रोग पर चिंता जताई है।
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