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सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत..

By Edited By: Published: Mon, 28 Jan 2013 02:19 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2013 02:20 AM (IST)
सूरा सो पहचानिए जो लड़े दीन के हेत..

अलीगढ़ : सिख धर्म के दसवें गुरु गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव से शहर जगमगा उठा। फूलों की बारिश में दूसरे राज्यों से आए कलाकारों ने करतब दिखाए। 'सूरा सो पहचानिए, जो लड़े दीन के हेत..' इन्हीं भजनों से पूरा शहर भक्तिमय हो गया।

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रविवार सुबह दस बजे देहलीगेट स्थित गुरुद्वारे से नगर कीर्तन निकला, जो पत्थर बाजार, रेलवे रोड, मैरिस रोड से होते हुए बैकुंठनगर गुरुद्वारे पहुंचा। दूसरे राज्यों से आई पार्टियों के कलाकारों ने करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया। इन झांकियों ने मुगलकाल की यादें ताजा कीं। जगह-जगह फूलों की वर्षा की गई। मार्गो की सफाई लोगों ने तन्मयता की। रास्ते में कई जगहों पर प्रसाद भी बांटा गया। देहली गेट पर कीर्तन का स्वागत महापौर शकुंतला भारती ने किया। जत्थेदार अवतार सिंह ने पंच प्यारे का सम्मान किया। बैकुंठ नगर सहित अन्य जगह पर लंगर हुआ। कीर्तन में प्राचीन देहलीगेट, मसूदाबाद, नौरंगाबाद, खैर रोड आदि मोहल्ले के जत्थे शामिल हुए। इस अवसर पर मक्खन सिंह, गुरुदक्ष जुनेजा, परविंदर, परविंदर सिंह, सर्वजीत, अजीत, गुरदयाल जुनेजा, नगर कीर्तन प्रधान हरपाल सिंह, भूपिंदर माता कोलाजी, भाई भूपिंदर सिंह, राजेंद्र सिंह, राजेश अरोरा, मदनलाल, सतनाम सिंह, हरदयाल सिंह, सतेंद्र पाल सिंह जुगनू आदि मौजूद रहे।

हाथी, ऊंट व घोड़े आकर्षण केंद्र : कीर्तन में सबसे आगे हाथी, ऊंट और घोड़े चल रहे थे, जो आकर्षण का केंद्र थे। इन पर सवार बच्चे 'पंथ की जीत हो, खालसा का राज हो' के नारे लगा रहे थे।

कई रूप में पंच प्यारे

बड़े, बच्चे और लड़कियां पंच प्यारे के रूप में कीर्तन में शामिल थे। अलग-अगल पोशाकों में पंच प्यारे अलग छटा बिखेर रहे थे।

मनमोहक प्रस्तुति

कीर्तन में शामिल स्कूली बच्चों ने अपने नृत्य और गायन पेश किया। पूरे कीर्तन के दौरान इनका जज्बा देखने लायक था। रंग-बिरंगे पोशाक धारण किए बच्चों ने भांगड़ा नृत्य प्रस्तुत किया। तिरंगे के नीच बालिकाओं ने मनमोहक प्रस्तुति दी।

आतंकवादी चढ़ा फौज के हत्थे

कीर्तन में शामिल झांकी 'फौजियों के गिरफ्त आतंकवादी' आकर्षण का केंद्र बना रहा है। इस दहशतगर्द से फौजियों द्वारा सवाल भी किए जा रहे थे। इसे देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बेड़ियों में कैदी और फौजियों की चपलता देखने लायक थी।

अलग ही झांकी

गुड़गांव के भगत सिंह का कहना है कि मैं पिछले 15 साल से इस उत्सव में शामिल होने के लिए आ रहा हूं, क्यों कि यहां की झांकी की बात ही कुछ और है। इस झांकी को देखने के लिए अमृतसर, हरियाणा, शिमला, लुधियाना सहित दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं।

कीर्तन में शामिल पार्टी

हाथरस, सासनी, आगरा, बुलंदशहर, वीर खालसा दल अमृतसर, मास्टर बैंड दिल्ली, पाइप बैंड लुधियाना, जत्था पार्टी रोहतक सहित अन्य क्षेत्रों से आई गदका पार्टी के कलाकारों ने बड़े से छल्ले को अलग-अलग तरीके और लाठी-डंडों से हैरतअंगेज करतब दिखाए।

शबद कीर्तन आज

बैकुंठनगर स्थित गुरुद्वारे में सोमवार को रात सात बजे गुरप्रीत सिंह शिमला वाले सहित अन्य संगत शबद कीर्तन करेंगे।

इन्होंने किया स्वागत

मानव उपकार से विष्णु बंटी, जमालुद्दीन आदि, भाजपा अनूसूचित जाति मोर्चा से अतर सिंह भिलवारा, रघुवर दयाल, किशोर भल्ला आदि , मुलायम सिंह यादव यूथ बिग्रेड के पूर्व अध्यक्ष अहमद सईद सिद्दीकी, जीतू तिवारी, राजेंद्र सिंह आदि की तरफ से कीर्तन का स्वागत किया गया।

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