बसपा से सीधी लड़ाई का माहौल बनाने में जुटे मुलायम
मुलायम सिंह यादव ने रविवार को सिद्घार्थनगर में कहा कि बसपा सरकार में जिन महिलाओं के साथ दुराचार की घटना हुई है, सपा सरकार बनने पर उन्हें नौकरी दी जायेगी। बहराइच में उन्होंने यह भी जोड़ा कि इन भुक्तभोगी महिलाओं को जब तक वह रोजगार नहीं दे पायेंगे तक तक उन्हें एक हजार रुपये भत्ता दिया जायेगा। श्रावस्ती की सभा में भी उन्होंने बसपा सरकार को ही सीधे निशाने पर रखा।
बहराइच [स्वदेश कुमार]। भाजपा, जिसे मुलायम सिंह यादव अपना सबसे बड़ा राजनीतिक दुश्मन करार देते रहे हैं, उसका वह सभाओं में जिक्र तक नहीं कर रहे हैं। कांगेस पर भी वह गाहे बगाहे ही हमला बोल रहे हैं। सिर्फ बसपा ही उनके सीधे निशाने पर है। कोशिश यह जताने की है कि उनकी लड़ाई सीधी बसपा से है, बाकी के दल सिर्फ तमाशबीन हैं।
रविवार को मुलायम सिंह यादव ने सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच की सभाओं में बसपा सरकार के कारनामों का जिक्र कर जनता के गुस्से को उभारने की भरपूर कोशिश किया। हर सभा में उनका जोर जनता को यह जताने पर रहा कि सरकारी खजाना किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि जनता का है। जनता ही उसकी असली मालिक है और उसे जनता के फायदे वाले कामों पर खर्च होना चाहिए।
उन्होंने तमाम उदाहरणों से यह साबित करने का भी प्रयास किया कि बसपा सरकार बनने के बाद से सिर्फ सपा ही उससे लड़ी है और चुनाव मैदान में भी केवल वही मुकाबले में है। अपने समर्थकों को और उर्जावान बनाने के नजरिये से उन्होंने कह भी कि जिन अधिकारियों ने उन्हें परेशान किया है उनकी सूची बना लें सरकार आते ही उनकी जांच करा कर जेल भेजने का काम किया जायेगा। उन मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी, जिनके इशारे पर उत्पीड़न का काम किया गया।
सरकारों का फर्क : मुलायम जनता को अपनी व बसपा सरकार का फर्क भी समझा रहे हैं। वह बता रहे हैं कि उनकी सरकार ने जनता के हित में तमाम काम किये थे, लेकिन बसपा सरकार ने एक भी काम नहीं किया। वह इस पर मौजूद जनसमुदाय की सहमति की मुहर भी लगवाते हैं। इसी के बाद खुल जाता है उनका वादों का पिटारा।
सरकार बनी तो दवाई-पढ़ाई मुफ्त, किसानों का 50 हजार का कर्जा माफ, गरीब किसानों को बिजली-पानी मुफ्त, बेरोजगारों को नौकरी नहीं तो भत्ता आदि घोषणाओं के जरिये लुभाने की कोशिश होती है। हर वर्ग के लिए उनके पिटारे से कुछ न कुछ निकलता है। चुनाव घोषणा पत्र में सब कुछ लिखे होने की जानकारी के साथ यह बताने में भी नहीं चूकते कि सपा जो कहती है वह करती है।
पिछली बार से सबक : मुलायम अपनी सभाओं में यह जुमला खासतौर पर उछाल रहे हैं कि इस बार सरकार बना दो, कोई गुंडागर्दी नहीं होने दी जायेगी। पार्टी का भी कोई गुंडागर्दी करेगा तो उसे भी सजा दी जायेगी। कोई पक्षपात नहीं होगा। जाहिर है कि पिछली सपा सरकार में कानून व्यवस्था खराब होना खासतौर पर चुनावी मुद्दा बना था और इसका लाभ उठाकर बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी थी।
वोट डलवाने पर जोर : वोट का महत्व समझाने में भी वह कोई कोर कसर बाकी नहीं रखते। श्रावस्ती में उन्होंने 40 मिनट के भाषण में पांच मिनट इसी पर दिया। वायदा लिया कि उस दिन सारा काम छोड़ कर वोट डालने जरूर जाना। उन्होंने समझाया भी कि यह न मान लेना कि जीत रहे हैं तो वोट डालने की जरुरत नहीं। अक्सर इसी के चलते हमारा वोट नहीं पड़ पाता, जबकि और पार्टियों का पड़ जाता है।
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