संसद में गूंजती रही बेल्हा की आवाज
देश की संसद मे बेल्हा की आवाज हमेशा गूंजती रही। कालाकांकर राज घराने ने सात बार बेल्हा का प्रतिनिधित्व किया। राजा दिनेश सिंह केद्रीय मंत्रिमंडल मे विदेशमंत्री जल संसाधन मंत्री के साथ ही लगभग छह माह तक बिना विभाग के मंत्री भी रहे।
प्रतापगढ़। देश की संसद में बेल्हा की आवाज हमेशा गूंजती रही। कालाकांकर राज घराने ने सात बार बेल्हा का प्रतिनिधित्व किया। राजा दिनेश सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में विदेशमंत्री जल संसाधन मंत्री के साथ ही लगभग छह माह तक बिना विभाग के मंत्री भी रहे। सत्ता के गलियारे में उनकी दखलदांजी दमदारी के साथ रही। वर्तमान में उनकी बेटी राज कुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ़ की सांसद हैं। रत्ना को बेल्हा की जनता ने तीसरी बार सांसद बनाया है। इसके पूर्व अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी सांसद चुने गए थे।
बेल्हा के मालवीय कहे जाने वाले पं. मुनीश्वर दत्त उपाध्याय वर्ष 1952 व 1957 में दो बार सांसद हुए थे। श्री उपाध्याय का देश की राजनीति में अहम रोल था। वे संविधान निर्माता समिति के सदस्य भी थे। प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के साथ मुनीश्वर दत्त ने किसान आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी। प्रतापगढ़ में शिक्षा की अलख उन्होंने ही जगाई थी। इसके बाद वर्ष 1962 में राजा अजीत प्रताप सिंह प्रतापगढ़ के सांसद बने। इसके उपरांत वर्ष 1967 में मुनीश्वर दत्त उपाध्याय, 1971 में राजा दिनेश सिंह, 1977 में रूपनाथ सिंह यादव, 1980 में राजा अजीत प्रताप सिंह, 1984 व 1989 में राजा दिनेश सिंह, 1991 में राजा अभय प्रताप सिंह, 1996 में राजकुमारी रत्ना सिंह, 1998 में डा. रामविलास बेदांती, 1999 में राजकुमारी रत्ना सिंह वर्ष 2004 में अक्षय प्रताप सिंह गोपाल जी, वर्ष 2009 में पुन: तीसरी बार राजकुमारी रत्ना सिंह प्रतापगढ़ की सांसद बनीं। राजा दिनेश सिंह ने विदेशों में भी बेल्हा का नाम रोशन किया। भारत की राजनीति में विदेश मंत्री के रूप में राजा दिनेश सिंह का कार्य काल स्वर्णिम रहा। बेल्हा में एटीएल फैक्ट्री खुलवाने का श्रेय राजा दिनेश सिंह को ही हालांकि कालांतर में यह फैक्ट्री निजी हाथों में सौंप दी गई और अब यह कई वर्षो से बंद कर दी गई है। बेल्हा में नहरों का जाल बिछाने का श्रेय भी राजा दिनेश सिंह को ही है। वे दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे।
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