..तो जयंत चौधरी छोड़ेंगे विधायकी?
अपेक्षित चुनावी नतीजे न मिलने से मायूस राष्ट्रीय लोकदल के 'मिशन लखनऊ' पर ब्रेक लगने की उम्मीद बढ़ी है। बदले सियासी हालात में जंयत चौधरी भी विधायक बनने के बजाय सांसदी कायम रखने की दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
लखनऊ, जाब्यू। अपेक्षित चुनावी नतीजे न मिलने से मायूस राष्ट्रीय लोकदल के 'मिशन लखनऊ' पर ब्रेक लगने की उम्मीद बढ़ी है। बदले सियासी हालात में जंयत चौधरी भी विधायक बनने के बजाय सांसदी कायम रखने की दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
जयंत को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर प्रचारित करते समय रालोद के नेताओं को भरोसा था कि खंडित जनादेश मिलने की स्थिति उनके लिए मुफीद साबित होगी। कांग्रेस व रालोद गठजोड़ से उनके विधायकों की संख्या बढ़ेगी तो सत्ता के समीकरण साधे जा सकेंगे, लेकिन नतीजे उलट रहे। प्रदेश में अब पांच साल तक जोड़तोड़ की सियासत पर विराम लेगा। जबरदस्त बहुमत वाली सपा सरकार के सामने विपक्ष भी बेहद कमजोर है। रालोद व कांग्रेस के विधायकों की संख्या मिल कर भी प्रभावी न होगी। रालोद नेताओं का कहना है कि ऐसे हालात में जंयत चौधरी का मात्र 8 विधायकों के साथ विधानसभा में मौजूद रहना उचित न होगा। सांसद पद छोड़ने पर कांग्रेस को भी आपत्तिहोगी। केंद्र सरकार में अजित सिंह के मंत्री पद पर खतरा मंडराएगा। दूसरी ओर मांट क्षेत्र के रालोद समर्थक जयंत को विधायकी न छोड़ने के पक्षधर है, शुक्रवार को एक बैठक में मांट वासियों ने इस बात का अहसास भी करा दिया। प्रवक्ता अनिल दुबे इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने को तैयार नहीं। उनका कहना है कि अंतिम फैसला चौधरी साहब को ही करना है।
गत लोकसभा चुनाव में पांच सांसद जिताने वाले रालोद का पश्चिम के गढ़ में दबदबा भी कम हुआ। प्रदेशाध्यक्ष हरदेव सिंह बाबा, दलनेता कोकब हमीद, स्वामी ओमवेश और पश्चिम उप्र के अध्यक्ष मुंशीराम पाल जैसे बड़े नामों को हार का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ा झटका बागपत में सपा बसपा की घुसपैठ है। सिवालखास, बडौत और बागपत के अलावा लोनी सीट से विधायक मदन भैया की हार खतरे की घंटी है। सादाबाद एत्मादपुर, शिकारपुर, फतेहपुर सीकरी जैसे गढ़ में भी तीसरे स्थान पर लुढ़कने से नेतृत्व गंभीर है। असल चिंता पश्चिम उप्र में सपा की पैठ बढ़ना है। रालोद को गढ़ में पटखनी देने के अलावा अनुराधा चौधरी, बदरूल इस्लाम, सुनील सिंह, तेजवीर सिंह व डॉ. अजय जैसे बागियों को तरजीह दे सपा ने अजित सिंह से पुराना हिसाब चुकता करने का संकेत भी दिया है।
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