योगेश्वर दत्त को नहीं मिलेगा गोल्ड मेडल
लंदन ओलंपिक में फ्रीस्टाइल कुश्ती के 60 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त को स्वर्ण पदक नहीं मिलेगा।
नई दिल्ली। लंदन ओलंपिक में फ्रीस्टाइल कुश्ती के 60 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त को स्वर्ण पदक नहीं मिलेगा। युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्य) ने साफ कर दिया है कि लंदन ओलंपिक के इस वर्ग के स्वर्ण पदक विजेता अजरबेजान के टोगरुल एस्गारोव को डोपिंग नियमों के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया गया है।
यूडब्ल्यूडब्ल्यू के मुताबिक एस्गारोव को एंटी डोपिंग पॉलिसी के सभी पैमानों पर सही पाया गया है और उनका पदक बरकरार रहेगा। हालांकि कुछ मीडिया हलकों में ऐसी खबरें थीं कि योगेश्वर का कांस्य स्वर्ण में तब्दील हो सकता है। हालांकि एस्गारोव डोपिंग में दोषी भी पाए जाते तो भी स्वर्ण योगेश्वर की जगह एस्गारोव से हारकर रेपचेज के जरिये दूसरा कांस्य पदक जीतने वाले अमेरिकी पहलवान कोलेमन स्कॉट्स को मिलता।
वहीं, इसी वर्ग में रजत पदक जीतने वाले रूसी पहलवान बेसिक कुदुखोव डोप टेस्ट में दोषी पाए गए हैं और इस कारण उनसे हारकर रेपचेज-2 के जरिये कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान योगेश्वर के पदक का रंग बदलने की उम्मीद बढ़ गई है। योगेश्वर का कांस्य रजत पदक में बदल सकता है। हालांकि इसमें भी एक पेच फंस गया है। लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने के एक साल बाद ही कुदुखोव की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी और इसी कारण योगेश्वर ने ट्वीट करके रजत पदक लेने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने लिखा था कि मानवता के आधार पर कुदुखोव के परिवार के पास ही रजत पदक रहना चाहिए। इसकी रूस में काफी तारीफ भी हुई थी।
अब रूसी कुश्ती संघ ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को एक भावुक पत्र लिखकर कहा है कि कुदुखोव एक बेहतरीन पहलवान थे और सालों पहले उनकी मृत्यु हो चुकी है। उनके परिवार के लिए ये ही एक बड़ा संकट है और ऐसे में अगर उनके परिवार से कुदुखोव द्वारा जीता हुआ रजत पदक वापस लिया जाता है तो ये भी मानवता की दृष्टि से सही नहीं होगा। रूसी कुश्ती संघ ने यूडब्ल्यूडब्ल्यू और आइओसी से डोपिंग में फंसे दिवंगत रूसी पहलवान के रजत पदक को न छीनने की अपील की है। योगेश्वर और रूसी कुश्ती महासंघ की अपील के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू भी इस पर गंभीरता से विचार कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो योगेश्वर का कांस्य पदक कांस्य ही रह सकता है।