मुक्केबाज विकास को चेतावनी देकर छोड़ा
भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन को इस साल एशियाई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में नहीं खेलने के कारण चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाने वाले भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्णन को इस साल एशियाई चैंपियनशिप के सेमीफाइनल मुकाबले में नहीं खेलने के कारण चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। जिससे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी खत्म हो गई। ताशकंद में 30 अप्रैल से सात मई तक हुई एशियाई प्रतियोगिता के दौरान शीर्ष वरीयता प्राप्त मिडिलवेट वर्ग (75 किग्रा) के मुक्केबाज विकास ने सेमीफाइनल मुकाबले में कोरिया के ली डोंगयुन को वॉकओवर दे दिया था।
25 वर्षीय पूर्व विश्व चैंपियनशिप कांस्य पदक विजेता विकास 25 अगस्त से शुरू हो रही विश्व चैंपियनशिप के लिए फिलहाल भारत की आठ सदस्यीय टीम के साथ जर्मनी के हैम्बर्ग में हैं। भारतीय मुक्केबाजी संघ (बीएफआइ) के एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'जो हुआ उसके लिए उन्हें चेतावनी दी गई और अब यह मामला खत्म हो गया है। अनुशासनात्मक समिति ने उनसे बात की और हम इस नतीजे पर पहुंचे की चेतावनी पर्याप्त होगी।
इस मुक्केबाज को पेरिस में 11 मई को विश्व मुक्केबाजी सीरीज (डब्ल्यूएसबी) में भी हिस्सा लेना था और उन्होंने दावा किया कि वह यात्रा की योजना को लेकर भ्रम में पड़ गए थे, जिसके कारण वह एशियाई चैंपियनशिप मुकाबले में नहीं खेले। इसके बाद बीएफआइ ने इस मुक्केबाज को डब्ल्यूएसबी मुकाबले में हिस्सा लेने की भी स्वीकृति नहीं दी थी।
अनुभवी प्रशासक असित बनर्जी की अगुआई वाली समिति में राजेश भंडारी और निर्वाण मुखर्जी भी शामिल थे। समिति ने जुलाई में अपनी रिपोर्ट सौंपने से पहले विकास और भारतीय टीम के साथ ताशकंद गए कोचों के अलावा बीएफआइ के कुछ अधिकारियों से मुलाकात की थी। पता चला है कि अनुशासनात्मक समिति ने इस पूरी गफलत के लिए पूरी तरह से विकास को जिम्मेदार नहीं ठहराया है और उनके व अधिकारियों के बीच संवादहीनता को इस भ्रम के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
हरियाणा का यह मुक्केबाज भारत के सबसे सफल मुक्केबाजों में शामिल है। दो बार का यह ओलंपियन मुक्केबाज पिछले साल अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आइबा) के वार्षिक समारोह में सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज चुना जाने वाला पहला भारतीय बना था। पूर्व विश्व युवा चैंपियन होने के अलावा विकास एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भी हैं।