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EXCLUSIVE: तैयार हैं विजेंदर, महामुकाबले से पहले सबसे दिलचस्प इंटरव्यू

लगातार छह मुकाबले जीतकर 'नॉकआउट किंग' बन चुके सुपरस्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अब अपने सबसे बड़े प्रोफेशनल मुकाबले के लिए तैयार हैं।

By sanjay savernEdited By: Published: Mon, 11 Jul 2016 10:25 PM (IST)Updated: Tue, 12 Jul 2016 05:40 PM (IST)
EXCLUSIVE: तैयार हैं विजेंदर, महामुकाबले से पहले सबसे दिलचस्प इंटरव्यू

अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। लगातार छह मुकाबले जीतकर 'नॉकआउट किंग' बन चुके सुपरस्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह अब अपने सबसे बड़े प्रोफेशनल मुकाबले के लिए तैयार हैं। उनका मानना है कि 16 जुलाई को डब्ल्यूबीओ एशिया पेसेफिक सुपर मिडलवेट चैंपियनशिप में वह ऑस्ट्रेलिया के कैरी होप को हरा देंगे।

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यह मुकाबला विजेंद्र के प्रो करियर का सातवां मुकाबला होगा जो राजधानी के त्यागराज इंडोर स्टेडियम में खेला जाएगा। विजेंद्र ने इससे पहले अपने सभी छह मुकाबले नॉकआउट अंदाज में खेले थे और उनका कोई भी विपक्षी मुक्केबाज तीन राउंड से आगे नहीं जा पाया। विजेंद्र ने सोमवार को इस मुकाबले, ओलंपिक खेलों और भारतीय खेलों के भविष्य पर विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश..

बहुत सालों बाद भारत में फाइट करने जा रहे हैं। मन में डर है?

मैंने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में यहां आखिरी फाइट लड़ी थी। अब छह साल बाद फिर से उतरूंगा। यह अच्छी फाइट होगी। लोगों को मजा आएगा।

होप कह रहे हैं कि आपको नॉकआउट कर देंगे?

मेरा हर प्रतिद्वंद्वी कुछ न कुछ कहता था। किसी ने कहा था कि वह सांप का खून पीता है और किसी ने कहा था कि वह मुझे धो डालेगा। होप का कहना है कि उसे मेरी आंखों में डर दिखाई देता है, लेकिन मैं इन बातों का जवाब शब्दों से नहीं अपने पंचों से देता हूं। मेरा यही मूल मंत्र है कि मारो और ठोक डालो। होप के साथ भी यही होने जा रहा है कि वह नॉकआउट हो जाएंगे। वह जो कह रहे हैं कहें। असली चीज तो उस रात को ही पता चलेगी।

कहीं इस बात का दुख है कि रियो ओलंपिक में नहीं खेल पाएंगे?

प्रोफेशनल मुक्केबाज भी इस ओलंपिक में उतर सकेंगे, लेकिन मुझे इसका कोई दुख नहीं कि मैं रियो नहीं जा रहा। मेरा बॉक्सिंग का सफर अच्छा रहा है। मैंने भारत के लिए ओलंपिक का कांस्य पदक जीता और अब प्रोफेशनल बॉक्सिंग में अच्छा कर रहा हूं। अब बाकी का समय है। अच्छी बात ये है कि कई अन्य भारतीय मुक्केबाज भी प्रोफेशनल बॉक्सिंग में आ रहे हैं। भारत में भी इस मुकाबले को लेकर उत्साह है। टिकट बिक गई हैं। कुछ नया होने वाला है।

भारत में मुक्केबाजी की हालत पर क्या कहेंगे?

इस बात का दुख है कि पिछली बार सात मुक्केबाज ओलंपिक गए थे और इस बार सिर्फ तीन। हालांकि शिव थापा से पदक की उम्मीद है। वह अच्छा कर रहा है।

आपके प्रतिद्वंद्वी रहे विकास कृष्णन के बारे में क्या कहेंगे?

वह अच्छा कर रहा है। युवा है, उससे लोगों को उम्मीदें हैं। मेरी शुभकामनाएं सके साथ हैं।

मुक्केबाजी संघ के लिए क्या नए खेल मंत्री से कुछ कहेंगे?

मैं तो सरकार से कह कहकर थक चुका। इस समय भारत की मुक्केबाजी एडहॉक कमेटी चला रही है। बिन मुक्केबाजी संघ के कुछ नहीं हो सकता। मेरा काम खेलना है। मैं तो संघ की राजनीति में नहीं पड़ सकता। सरकार को कुछ करना चाहिए क्योंकि संघ के नहीं होने से मुक्केबाजों का बहुत नुकसान हो रहा है।

इस ओलंपिक में आप, सुशील और मैरीकॉम नहीं होंगे। इससे भारत के पदक जीतने की आशा क्षीण होगी?

खिलाड़ी आते जाते रहते हैं। मैं, मैरी और सुशील ने देश के लिए पदक जीते हैं, लेकिन अब नए लोगों का समय है, वे पदक जीतेंगे। एक समय था जब क्रिकेट में सब सचिन-सचिन करते थे, लेकिन उनके बाद विराट आ गए। अब लोगों को विराट से उतनी ही उम्मीदें रहती हैं।

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