थॉमसन ने साइ महानिदेशक के पद से इस्तीफा दिया
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक जीजी थॉमसन ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। थॉमसन ने सरकार पर उनकी पदोन्नति को लेकर नाइंसाफी करने का आरोप लगाया। हालांकि थॉमसन ने कहा कि वह गलत समय पर पद छोड़ रहे हैं क्योंकि रियो ओलंपिक में डेढ़ साल का
नई दिल्ली। भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक जीजी थॉमसन ने शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया। थॉमसन ने सरकार पर उनकी पदोन्नति को लेकर नाइंसाफी करने का आरोप लगाया। हालांकि थॉमसन ने कहा कि वह गलत समय पर पद छोड़ रहे हैं क्योंकि रियो ओलंपिक में डेढ़ साल का ही समय रह गया है। 1980 बैच के आइएएस अधिकारी थॉमसन ने मार्च 2013 में साइ का प्रभार संभाला था।
थॉमसन ने कहा कि केंद्र सरकार ने उन्हें छह महीने पहले पदोन्नति देकर खेल सचिव बनाने का वादा किया था। थॉमसन ने मंगलवार को केरल के मूल कैडर में लौटने का अनुरोध किया था। अब उनके 31 जनवरी से केरल के मुख्य सचिव का पदभार संभालने की संभावना है। थॉमसन ने कहा, 'मैंने छह महीने तक इंतजार किया और मैंने यह फैसला किया कि मैं और समय बर्बाद नहीं करूंगा। सरकार से बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद कुछ नहीं हुआ। शायद ऐसा इसलिए हुआ कि सरकार में मेरा कोई सरपरस्त नहीं है। मुझे कम से कम ओलंपिक तक पद पर बने रहने की जरूरत थी। ओलंपिक में डेढ साल रह गया है और ऐसे समय में साइ महानिदेशक के तौर पर नए व्यक्ति का आना नुकसानदेह होगा।
थॉमसन ने कहा कि खेलमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने उनकी पदोन्नति की पूरी कोशिश की, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके। ऐसा समझा जाता है कि केरल की अदालत में लंबित एक मामला उनकी पदोन्नति की राह में बाधा बना। थॉमसन 1991 के पामोलिन तेल आयात घोटाला के आरोपियों में से एक थे, जब वह केरल राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के निदेशक थे।
थॉमसन ने कहा, 'मुझे जुलाई में केरल हाई कोर्ट से आदेश मिला है, जिसमें साफ तौर पर कहा है कि यदि कोई आइएएस अधिकारी पदोन्नति का हकदार है तो यह उसके मार्ग में बाधा नहीं होना चाहिए। 25 बरस बीत चुके हैं और राज्य सरकार ने भी पिछले साल मुझे आरोपियों की सूची से बाहर कर दिया है। साइ के साथ अपने कार्यकाल के बारे में उन्होने कहा कि भारत में समस्या बुनियादी ढांचे की कमी नहीं है। यहां पर्याप्त बुनियादी ढांचा है, लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं होता। राष्ट्रीय खेलों के लिए हर चार साल में आधारभूत सुविधायें खड़ी की जाती है जिनका इस्तेमाल नहीं होता। भारतीय खेलों को नियोजन का अभाव नुकसान पहुंचा रहा है।