सुशील कुमार ने खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को पत्र लिखा
भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीतने वाले एकलौते खिलाड़ी सुशील कुमार का ओलंपिक सफर अब थम गया है। भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआइ) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि जिन आठ पहलवानों ने ओलंपिक कोटा हासिल किया है वही रियो डि जेनेरियो जाएंगे।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारत के लिए दो ओलंपिक पदक जीतने वाले एकलौते खिलाड़ी सुशील कुमार का ओलंपिक सफर अब थम गया है। भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआइ) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह ने गुरुवार को साफ-साफ कहा कि जिन आठ पहलवानों ने ओलंपिक कोटा हासिल किया है वही रियो डि जेनेरियो जाएंगे।
सुशील कुमार ने खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को एक पत्र लिखकर कुश्ती परीक्षण संचालित करने के लिए अनुरोध किया हैं।
सुशील कुमार के चोटिल होने के कारण नरसिंह यादव ने पिछले साल लास वेगास में विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया और 74 किलोवर्ग में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए ओलंपिक कोटा स्थान हासिल किया। इसके बाद से यह सवाल उठने लगा कि रियो ओलंपिक में सुशील कुमार जाएंगे या नरसिंह यादव। डब्ल्यूएफआइ भी इसको लेकर संशय में था। इस बीच सुशील कुमार ने जॉर्जिया जाकर लगभग 40 दिन प्रशिक्षण भी लिया और लौटकर उन्होंने कहा कि वह ट्रायल के लिए तैयार हैं। डब्ल्यूएफआइ नरसिंह और मेरे बीच ट्रायल कराए। हम दोनों में जो जीते वही रियो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करे। वहीं, नरसिंह का कहना है कि उन्होंने ओलंपिक कोटा हासिल किया है इसलिए उन्हें ही रियो भेजा जाना चाहिए।
ब्रजभूषण ने कहा कि जहां तक ट्रायल का सवाल है तो मेरे सामने ये मुद्दा है ही नहीं। अगर नियमों और नैतिकता की बात करें तो जिसने क्वालीफाई किया है वही ओलंपिक जाएगा। सुशील बड़ा पहलवान है और उसने देश के लिए काफी कुछ किया है, लेकिन इस मामले में मैं और कुछ नहीं कह सकता। जब उनसे पूछा गया कि क्या सुशील ने आपसे इस बारे में बात की है तो उन्होंने कहा कि मौखिक बात हुई है, लेकिन उन्होंने ट्रायल के लिए लिखित तौर पर कुछ नहीं दिया है।
अगर सुशील लिखित में ट्रायल का आवेदन करते हैं तो डब्ल्यूएफआइ क्या करेगा के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस पर हम मामले को अपनी चयन समिति को भेजेंगे। इसमें शामिल मुख्य कोच की रिपोर्ट अहम होगी। कुल मिलाकर डब्ल्यूएफआइ की तरफ से सुशील को न है और वह चाहता है कि भारत का सबसे नामी पहलवान इस बात को खुद समझे। वहीं, सुशील के करीबियों का कहना है कि अगर ट्रायल नहीं हुआ तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, क्योंकि 1996 ओलंपिक में 48 किलोग्राम भार वर्ग में पप्पू यादव और काका पंवार के बीच ट्रायल हुआ था।
सुशील ने 66 किलो वर्ग फ्रीस्टाइल में बीजिंग ओलंपिक में कांस्य और लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती संघ द्वारा भार वर्गो में बदलाव के बाद वह 74 किलोवर्ग में उतर रहे हैं। नरसिंह 2012 लंदन ओलंपिक में 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में उतरे थे और वह अब भी इसी वर्ग में खेल रहे हैं।
2010 राष्ट्रमंडल खेलों से चमके थे नरसिंह :
2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरने वाले नर¨सह पिछले कुछ समय से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचने में सफल रहे हैं। 1989 में उत्तर प्रदेश में जन्मे नर¨सह और उनका भाई विनोद दोनों ही पहलवान हैं। उन्होंने 2014 इंचियोन एशियन गेम्स में कांस्य, 2015 दोहा एशियन चैंपियनशिप में कांस्य और 2011 मेलबर्न राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
- किसने क्या कहाः
'हम खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक से मिलेंगे। जो भी देश के लिए पदक जीत सके उसे ओलंपिक में जाना चाहिए। सुशील ने देश के लिए दो पदक जीते हैं और वह भी यह नहीं कह रहा कि मुझे भेज दो। सुशील और नरसिंह का ट्रायल करा दो जो जीते उसे ओलंपिक में भेजा जाए।' - सतपाल पहलवान, सुशील के कोच
'ये पूरी तरह भारतीय कुश्ती महासंघ का मामला है। वह स्वायत्त संस्था है और फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। हम इस मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकते।' - सर्बानंद सोनोवाल, खेल मंत्री