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भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल डोप टेस्ट में फेल, अस्थायी रूप से निलंबित

नाडा ने पॉल के मूत्र का नमूना 18 मार्च को लिया था, जब भारतीय टीम राष्ट्रीय शिविर के लिए मुंबई में थी। शिविर के दौरान सभी खिलाड़ियों के नमूने लिए गए थे।

By Bharat SinghEdited By: Published: Wed, 26 Apr 2017 11:55 AM (IST)Updated: Wed, 26 Apr 2017 12:11 PM (IST)
भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल डोप टेस्ट में फेल, अस्थायी रूप से निलंबित
भारतीय गोलकीपर सुब्रत पॉल डोप टेस्ट में फेल, अस्थायी रूप से निलंबित

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय गोलकीपर सुब्रत पाल को डोप टेस्ट में असफल रहने पर मंगलवार को अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया, लेकिन इस उन्होंने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए 'बी' नमूने की जांच कराने का फैसला किया है। 

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अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआइएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कहा कि अर्जुन पुरस्कार विजेता पॉल पिछले महीने प्रतिस्पर्धा से इतर परीक्षण में नाकाम रहे थे। इसलिए उन पर चार साल का प्रतिबंध लग सकता है। दास ने कहा, 'प्रतिबंधित पदार्थ का नाम टेर्बुटेलीन है। नाडा के एआइएफएफ को भेजे पत्र के मुताबिक सुब्रत को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया है।'

टेबरुटेलीन को तब लिया जाता है जब सांस लेने में परेशानी हो या अस्थमा जैसी बीमारी हो। इसके अलावा खांसी और जुकाम की दवाइयों में भी यह पदार्थ पाया जाता है। दास से जब पूछा गया कि पॉल अब भी अपने क्लब डीएसके शिवाजीयंस की तरफ से 30 अप्रैल को मिनर्वा पंजाब के खिलाफ होने वाले आइ-लीग के मैच में खेल सकते हैं, तो उन्होंने कहा, 'वह 'बी' नमूने की जांच और साथ ही अपना अस्थायी निलंबन हटाने की अपील कर सकता है। अपील करने के बाद वह खेल सकता है, लेकिन यदि नाडा पैनल उसकी अपील के खिलाफ फैसला देता है तो नाडा के हमें उसका ‘ए’ नमूना पॉजीटिव पाए जाने की जानकारी देने के बाद वह जो भी मैच खेलेगा उसमें उसकी टीम को हारा माना जाएगा।’ 

दास ने कहा कि नाडा ने पॉल के मूत्र का नमूना 18 मार्च को लिया था, जब भारतीय टीम राष्ट्रीय शिविर के लिए मुंबई में थी। शिविर के दौरान सभी खिलाड़ियों के नमूने लिए गए थे। 

पॉल ने दिलाई थी नेहरू कप में जीत

पश्चिम बंगाल के सुब्रत पॉल भारत के बेहतरीन गोलकीपरों में से एक रहे हैं। जब इंग्लैंड के बॉब हाटन कोच और बाइचुंग भूटिया भारत के कप्तान थे तब वह देश के नंबर एक गोलकीपर थे। पॉल ने 2007 में पदार्पण किया था और राष्ट्रीय टीम के लिए 64 मैच खेले। उन्होंने 2007 और 2009 में भारत की नेहरू कप में खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाई थी। उनके शानदार प्रदर्शन से भारत ने 2008 में हैदराबाद में एएफसी चैलेंज जीता था।

‘बी’ नमूने की कराएंगे जांच

सुब्रत पाल ने कहा, 'मैं इस खबर से आहत हूं कि मैं डोप परीक्षण में असफल रहा। मुझे नाडा या एआइएफएफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है। मुझे मीडिया से इसकी जानकारी मिली। मैं साबित करूंगा कि मैं निर्दोष हूं, क्योंकि मैं दस साल से भी ज्यादा के अपने करियर में पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ खेला हूं। मैं ‘बी’ नमूने के परीक्षण का आग्रह करूंगा, क्योंकि मुझे लगता है कि मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है जिससे मैं डोप परीक्षण में नाकाम रहूं।'

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