ऑटो रिक्शा चलाने वाले का बेटा ओलंपिक में रचने जा रहा है इतिहास
बांग्लादेश का ये खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में नया इतिहास रचकर खेल जगत में एक मिसाल पेश करने वाला है।
ढाका (एएफपी)। तमाम खिलाड़ी आते हैं जो बड़ी सफलताएं हासिल करके मिसाल पेश करते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो मैदान पर कदम रखते ही इतिहास भी रचते हैं और मिसाल भी बन जाते हैं। उन्हीं में से एक हैं बांग्लादेश के 31 वर्षीय सिद्दिकुर रहमान जो खेल की दुनिया में एक नया इतिहास रचने जा रहे हैं।
- गेंद उठाने से लेकर ओलंपिक तक का सफर
वो भी एक दिन था जब ऑटो रिक्शा चालक के बेटे सिद्दिकुर रहमान बांग्लादेश की राजधानी ढाका की एक झुग्गी बस्ती में रहा करते थे और वहीं पास में बने एक गोल्फ कोर्स में भटकी हुई गेंदों को उठाकर वापस करने का काम करते थे।
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ये हकीकत है कि उन दिनों में उस लड़के ने ओलंपिक क्या चीज होती है, सुना तक नहीं था....लेकिन समय का पहिया चला और आज वो ओलंपिक में क्वालीफाइ करने वाले इतिहास के पहले बांग्लादेशी बन गए हैं।
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- कैसे हुआ मुमकिन?
आपको बता दें कि बांग्लादेश ने अपने खेल इतिहास में कभी ओलंपिक पदक नहीं जीता है। यही नहीं, उनके किसी खिलाड़ी ने आजतक इन खेलों के लिए क्वालीफाइ भी नहीं किया है। पिछले कुछ ओलंपिक खेलों में उनके जो खिलाड़ी मैदान पर दिखे थे वे सभी वाइल्ड कार्ड एंट्री के जरिए आए थे न कि क्वालीफाइ करके। पिछले हफ्ते टॉप-60 ओलंपिक रैंकिंग में शामिल होने के बाद 31 वर्षीय सिद्दुकर ने अपने आप ही विश्व के सबसे बड़े खेल आयोजन के लिए क्वालीफाई कर लिया।
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- 'जब शुरुआत की थी तो नहीं जानता था ओलंपिक क्या है'
इस सफलता के बाद उत्साहित रहमान ने कहा, 'जब मैंने गोल्फ कोर्स पर कदम रखा था तब मैं ये भी नहीं जानता था कि ओलंपिक क्या होता है। ये सब कुछ मेरे मलेशियाई कैडी की वजह से मुमकिन हुआ। मैं जब एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने पहुंचा तो उन्होंने मुझसे कहा कि अगर मैं क्वालीफाइ करने में सफल रहा तो मैं नया इतिहास रच दूंगा और वही दिन था जब मैंने इसको गंभीरता से लेना शुरू कर दिया था।' रियो ओलंपिक में सिद्दिकुर ही बांग्लादेश के ध्वज वाहक होंगे।
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