गोल्ड से चूके लेकिन सिल्वर जीतकर घोषाल ने रचा नया इतिहास
एशियन गेम्स 2014 में भारत को दूसरी सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है। भारतीय स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल सिंगल्स फाइनल में कुवैत के अब्दुल्लाह अल्मेजायेन
इंचियोन। एशियन गेम्स 2014 में भारत को दूसरी सबसे बड़ी सफलता हाथ लगी है। भारतीय स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल सिंगल्स फाइनल में कुवैत के अब्दुल्लाह अल्मेजायेन के खिलाफ हारकर गोल्ड मेडल से तो चूक गए लेकिन सिल्वर मेडल अपने नाम करके वो ऐसा करने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। इस संस्करण में ये भारत का पहला रजत पदक है। इससे पहले जीतू राय ने शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था।
मैच के पहले गेम में घोषाल ने 12-10 से आसानी से जीत दर्ज की जबकि दूसरे सेट में वो बेहद आसानी से जीते, इस सेट में उन्होंने 11-2 के शानदार अंतर के साथ जीत दर्ज की। घोषाल 2-0 से आगे थे लेकिन तीसरे सेट में कुवैत के अब्दुल्लाह ने वापसी करते हुए 14-12 से ये सेट अपने नाम कर लिया। इसके बाद चौथे सेट की वजह से मुकाबला तब और रोमांचक हो गया जब कुवैत के अब्दुल्लाह ने चौथा गेम 11-8 से अपने नाम कर लिया। पांचवें व निर्णायक गेम में रोमांच चरम पर रहा लेकिन यहां पर अब्दुल्लाह भारी पड़े और सौरव ने 9-11 से ये अंतिम सेट गंवा दिया। इसके साथ ही उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पडा़।
इससे पहले सोमवार को सौरव घोषाल ने फाइनल में पहुंचकर नया इतिहास रचा था। वो एशियन गेम्स स्क्वॉश फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे। सौरव ने सेमीफाइनल में 2006 के चैंपियन ओंग बेंग ही को हराकर एशियाड फाइनल में पहुंचने का करिश्मा किया था। शीर्ष वरीय व दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी सौरव घोषाल ने उम्मीदों के मुताबिक खेलते हुए 35वीं वरीय मलेशिया के बेंग ही को 11-9, 11-4, 11-5 से मात दी थी।
- सौरव का प्रोफाइलः
सौरव घोषाल का जन्म 10 अगस्त 1986 को कोलकाता में हुआ था। तमाम स्क्वॉश चैंपियनशिप में जलवा बिखेर चुके घोषाल ने अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग दिसंबर 2013 में हासिल की थी जब वह विश्व में 15वें पायदान पर पहुंचे थे। इससे पहले घोषाल ने दोहा में हुए एशियन गेम्स 2006 में सिंगल्स का कांस्य पदक जीता था जबकि 2010 ग्वांग्झू एशियन गेम्स में उन्होंने सिंगल्स और डबल्स, दोनों ही इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया था। अब तक पांच अन्य खिताब अपने नाम कर चुके घोषाल 2013 में वर्ल्ड स्क्वॉश चैंपियनशिप (मैनचेस्टर) में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। उससे पहले 2004 में वह प्रतिष्ठित ब्रिटिश जूनियर ओपेन अंडर-19 स्क्वॉश खिताब जीतने वाले पहले भारतीय भी बने थे।