ये क्या, अब ये तीन दिग्गज भी एशियन गेम्स से हटे
इंचियोन में 19 सितंबर से शुरू होने वाले एशियन गेम्स में भारत की पदक की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। इंचियोन में 19 सितंबर से शुरू होने वाले एशियन गेम्स में भारत की पदक की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। लिएंडर पेस, सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना सहित शीर्ष खिलाडिय़ों ने विश्व रैंङ्क्षकग सुधारने के लिए इन खेलों की बजाय प्रोफेशनल टूर्स पर खेलने का निर्णय लिया है। भारत अब टेनिस स्पर्धा में दूसरी पंक्ति की टीम उतारेगा।
भारत के शीर्ष सिंगल्स खिलाड़ी सोमदेव देववर्मन ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह रैंङ्क्षकग में सुधार करने के लिए चार वर्ष पहले ग्वांग्झू खेलों में जीते सिंगल्स और पुरुष डबल्स वर्ग के स्वर्ण पदकों की रक्षा नहीं कर सकेंगे। भारतीय टेनिस महासंघ (एआइटीए) ने बुधवार को कहा कि इन खिलाडिय़ों ने डब्ल्यूटीए और एटीपी में भाग लेने के लिए कहा था। हमने उनकी भावनाओं का ख्याल रखते हुए उन्हें एशियन गेम्स से हटने की अनुमति दे दी है।
अनुभवी पेस डबल्स रैंङ्क्षकग में 35वें स्थान पर फिसल गए हैं और वह एशियन गेम्स की बजाय तीन एटीपी टूर्नामेंट में खेलना चाहते हैं। हाल ही में यूएस ओपन में मिक्स्ड डबल्स खिताब जीतने वाली सानिया अपनी जोड़ीदार कारा ब्लैक के साथ साल के अंत में ङ्क्षसगापुर में होने वाली डब्ल्यूटीए चैंपियनशिप में प्रवेश की उम्मीद बनाए रखने के लिए दो स्पर्धाओं में खेलेंगी। एआइटीए ने डबल्स विशेषषज्ञ बोपन्ना को भी एटीपी टूर स्पर्धा में खेलने की अनुमति दे दी है।
पेस और बोपन्ना पुरुष डबल्स और सानिया के साथ मिक्स्ड डबल्स में भारत की पदक की सर्वश्रेष्ठ उम्मीद थे। लेकिन अब इनके नहीं होने से युकी भांबरी, सनम सिंह, दिविज शरण, साकेत मायनेनी और अंकिता रैना जैसे दूसरे दर्जे के खिलाड़ी इंचियोन जाएंगे। ग्वांग्झू में भारत ने दो स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक जीते थे।