इस दिग्गज को नहीं था पता दोबारा खेल भी पाएगा या नहीं, अब कर दिया कमाल
अक्टूबर में 2015 में पिंडली की चोट के कारण कोर्ट से हटने के बाद से कश्यप की राह आसान नहीं रही है और उन्हें दोबारा पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए जूझना पड़ा।
नई दिल्ली, जेएनएन। कहते हैं कि जो अपनी मदद करता है ईश्वर की उसी का साथ देता है। भारत के स्टार शटरल पी. कश्यप यूएस ओपन ग्रां प्रि बैडमिंटन चैंपियनशिप में सेमीफाइनल मुकाबला जीतकर फाइनल का टिकट में पहुंच गए हैं। कश्यप ने एक घंटे और छह मिनट चले फाइनल में कोरिया के क्वांग ही हियो को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 15-, -15, -16 से पराजित किया। लेकिन इस खिलाड़ी के जीवन में एक दौर ऐसा भी आया था जब उसे खुद ही नहीं पता था कि वो कोर्ट पर वापसी कर पाएगा या नहीं।
अपने करियर की सबसे बुरी चोट से गुजरने वाले भारतीय शटलर पी कश्यप ने कहा है कि जनवरी में प्रीमियर बैडमिंटन लीग के दौरान दायां कंधा खिसकने के बाद उन्हें संदेह था कि वह दोबारा खेल भी पाएंगे या नहीं।
अक्टूबर में 2015 में पिंडली की चोट के कारण कोर्ट से हटने के बाद से कश्यप की राह आसान नहीं रही है और उन्हें दोबारा पूर्ण फिटनेस हासिल करने के लिए जूझना पड़ा। पिंडली की चोट से उबरने के बाद जर्मन ओपन में कश्यप के घुटने में चोट लगी, जिससे उनका ओलंपिक सपना टूट गया। वह दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए।
कश्यप ने कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल चरण था। लेकिन घुटने की चोट के कारण ओलंपिक से चूकने के बावजूद मैं प्रेरित था। मैंने खुद से कहा, ओलंपिक चला गया, मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं उबरने में ध्यान लगाता हूं और 2017 मेरा साल होगा और कोरिया में सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद मुझे आत्मविश्वास मिला। लेकिन पीबीएल में कंधा खिसकने के कारण मैं बुरी स्थिति में था।