बॉक्सर मनोज ने हरियाणा सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप, पहुंच गए हाईकोर्ट
ओलंपियन मनोज ने याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने भेदभाव करते हुए उन्हें खेल कोटे से डीएसपी पद पर नियुक्ति नहीं दी।
चंडीगढ़, जेएनएन। पुलिस विभाग में उपाधीक्षक (डीएसपी) नहीं बनाए जाने के कारण बॉक्सर मनोज कुमार पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चले गए हैं। वकील अनुराग गोयल ने मनोज की ओर से याचिका दाखिल की। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
ओलंपियन मनोज ने याचिका में आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार ने भेदभाव करते हुए उन्हें खेल कोटे से डीएसपी पद पर नियुक्ति नहीं दी जबकि उनसे कम योग्यता वाले कई खिलाड़ियों को डीएसपी बनाया जा चुका है। याची के वकील अनुराग गोयल ने बताया कि मनोज अर्जुन अवार्डी होने के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स सहित कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में में गोल्ड मेडल हासिल कर चुके हैं। खेल नीति के तहत हरियाणा सरकार ने मनोज को डीएसपी की जगह केवल इंस्पेक्टर पद का ऑफर दिया। इस कारण उन्होंने इस पद पर नियुक्ति लेने से इन्कार कर दिया। याची ने हरियाणा में खेल कोटे के तहत की गई डीएसपी की भर्ती की जांच करवाने सहित उन्हें डीएसपी पद पर नियुक्ति देने की मांग की है।
याची का पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा कि जब इतने लोगों को खेल कोटे से डीएसपी बनाया गया है तो मनोज के साथ भेदभाव क्यों। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस बाबत नोटिस जारी कर जवाब देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त निर्धारित की है। इसे मनोज की किस्मत ही कहेंगे कि उन्हें अजरुन अवार्ड भी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद 2014 में मिला था।