ये क्या हो गया, ओलंपिक से पहले ये दिग्गज पहलवान डोपिंग में फंसा
रियो ओलंपिक से ठीक पहले भारतीय उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। रियो ओलंपिक से ठीक पहले भारतीय उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर दो ओलंपिक पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान सुशील कुमार की जगह 74 किलोग्राम भार वर्ग में क्वालीफाई करने वाले फ्रीस्टाइल पहलवान नरसिंह यादव डोप टेस्ट में फेल हो गए हैं। इसी के साथ उनके अगले माह होने वाले रियो डि जेनेरियो ओलंपिक में जाने की उम्मीदें भी धूमिल हो गई हैं।
हालांकि भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए), खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ), भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) सहित सभी अधिकारियों ने इस अति संवेदनशील मामले पर चुप्पी साध ली है और नरसिंह ने खुद इससे साफ-साफ इन्कार किया है।
सूत्रों के मुताबिक पांच जुलाई को उनका डोप टेस्ट हुआ था जिसमें वह फेल हो गए हैं। और इसी कारण सोमवार को जॉर्जिया जा रहे भारतीय पहलवानों के दल से भी उनका नाम हटा दिया गया है। वह अब जॉर्जिया भी नहीं जा रहे हैं जहां ओलंपिक से पहले भारतीय पुरुष पहलवानों को रियो के लिए तैयारी करनी थी। डब्ल्यूएफआइ अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह से इस बारे में कई बार बात करने की कोशिश की कई लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया। वहीं संघ के सचिव विनोद तोमर ने ऐसी जानकारी होने से इन्कार किया। जब इस मामले में दैनिक जागरण ने नरसिंह से बात की तो उन्होंने डोप टेस्ट में फंसने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी कोई सूचना नहीं है। सूत्रों के मुताबिक पांच जुलाई को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने सोनीपत साइ सेंटर में पहलवानों का डोप टेस्ट किया था। पिछले सप्ताह आई रिपोर्ट में एक पहलवान फेल हो गया। तीन दिन पहले जब एक कुश्ती कोच ओलंपिक के एक्रीडिएशन कार्ड लेने आइओए दफतर गए तो उन्हें बाकी पहलवानों के कार्ड दे दिए गए लेकिन नरसिंह का कार्ड नहीं दिया गया। उन्होंने कारण जानना चाहा तो नहीं बताया गया। शीर्ष सूत्रों के अनुसार कुश्ती महासंघ इस प्रकरण को दबाने की कोशिश में जुटा है। खेल मंत्री विजय गोयल ने इसकी जानकारी होने से इन्कार किया लेकिन कहा कि मैं इस बारे में पता करता हूं।
74 किलोग्राम भार वर्ग में महाराष्ट्र के इस पहलवान ने क्वालीफाई किया था। इसके बाद सुशील का रियो जाने का रास्ता रुक गया था। सुशील ने इसको लेकर खेल मंत्रालय से लेकर कुश्ती संघ तक गुहार लगाई थी। सुशील चाहते थे कि नरसिंह से उनका ट्रायल करा दिया जाए और जो जीते वह रियो जाए। सुशील इसको लेकर अदालत भी गए थे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी थी।