मेरा रिकॉर्ड टूटने के लिए नहीं बना : बोल्ट
बेंगलूर। संभावित प्रतिस्पर्धियों से जुड़े सवाल का हंसते हुए जवाब देते हुए जमैका के महान फर्राटा धावक उसैन बोल्ट ने कहा कि उनके रिकॉर्ड काफी हद तक प्रतिद्वंद्वियों की पहुंच से दूर हैं। पहली बार भारत आए बोल्ट से जब 100 मीटर में 9.58 सेकेंड के उनके रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी हाजिरजवाबी का नमूना भी पेश करत
बेंगलूर। संभावित प्रतिस्पर्धियों से जुड़े सवाल का हंसते हुए जवाब देते हुए जमैका के महान फर्राटा धावक उसैन बोल्ट ने कहा कि उनके रिकॉर्ड काफी हद तक प्रतिद्वंद्वियों की पहुंच से दूर हैं।
पहली बार भारत आए बोल्ट से जब 100 मीटर में 9.58 सेकेंड के उनके रिकॉर्ड के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी हाजिरजवाबी का नमूना भी पेश करते हुए कहा, 'यह काफी हद तक पहुंच से बाहर है।' तालियों की गड़गड़ाहट और कुछ हंसी के बीच 'दुनिया के सबसे तेज इंसान' बोल्ट ने कहा कि उनके प्रतिद्वंद्वियों को उनकी बराबरी करने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी होगी।
एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, 'एक खिलाड़ी के रूप में मैंने कई रिकॉर्ड बनते और टूटते देखे हैं। ये हमेशा टूट जाते हैं, लेकिन अगर आप मेरे जैसा महान बनना चाहते हैं तो आपको काफी कड़ी मेहनत करनी होगी। यही कारण है कि मेरे रिकॉर्ड लंबे समय तक कायम रहेंगे।' बोल्ट से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उनके समकक्षों में कोई ऐसा नहीं है जो उनका रिकॉर्ड तोड़ सके तो उन्होंने कहा, 'नहीं, कोई नहीं।'
फिर बातचीत को थोड़ा गंभीर करते हुए बोल्ट ने कहा, 'ट्रैक एंड फील्ड अजीब खेल है। यह एकाग्रता और मानसिक क्षमता से जुड़ा है। किसी एक व्यक्ति को चुनना मुश्किल है, लेकिन मेरे कोच को लगता है कि जस्टिन गैटलिन अच्छा है। टायसन गे, योहान ब्लेक जैसे कई धावक सामने आ रहे हैं। लेकिन मैं किसी को भी मुझे पछाड़ने नहीं दूंगा।'
बोल्ट के अनुसार क्रिकेट उनका पहला प्यार रहा है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इस खेल की जगह फर्राटा दौड़ को क्यों चुना तो उन्होंने कहा, 'इसके लिए मेरे पिता को जिम्मेदार ठहराइए। मेरे पिता क्रिकेट के बड़े प्रशंसक हैं, लेकिन जब मैं स्कूल में था तो मेरे पास किसी एक को चुनने का विकल्प था। मेरे पिता ने कहा कि जमैका की परंपरा के कारण एथलेटिक्स से जुड़ना बेहतर रहेगा। उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स में तुम्हें सिर्फ तेज दौड़ना होगा, जबकि राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना मुश्किल होगा।'