पीसीआइ की मान्यता रद कर सकता है खेल मंत्रालय
विवादों में फंसी पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआइ) की मान्यता खेल मंत्रालय बुधवार को रद कर सकता है। इसको लेकर केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें खेल सचिव अजीत मोहन शरण, संयुक्त सचिव ओमकार केडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक एंजेटी श्रीनिवास
नई दिल्ली, [अभिषेक त्रिपाठी]। विवादों में फंसी पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआइ) की मान्यता खेल मंत्रालय बुधवार को रद कर सकता है। इसको लेकर केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें खेल सचिव अजीत मोहन शरण, संयुक्त सचिव ओमकार केडिया और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक एंजेटी श्रीनिवास शामिल हुए।
पिछले कुछ दिनों से पीसीआइ में चल रहे विवादों और उसकी मान्यता को लेकर इस बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद पीसीआइ के अध्यक्ष राजेश तोमर और सचिव चंद्रशेखर को बुधवार को बुलाने का फैसला किया गया है। अगर यह दोनों संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए तो खेल मंत्रालय मान्यता रद करने का नोटिस जारी कर सकता है।
दैनिक जागरण ने इस बात का खुलासा किया था कि पीसीआइ ने कुवैत, मलेशिया और अमेरिका दौरे पर 2012 व 2013 में गए 20 से ज्यादा एथलीटों के लाखों रुपये डकार लिए हैं। इन प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों ने अपना खर्चा खुद उठाया था। इसके बाद साइ ने पीसीआइ को यह धन जारी करके खिलाड़ियों को वापस देने को कहा था, लेकिन दो साल बीत जाने के बावजूद उन्हें फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
पीसीआइ के अध्यक्ष और सचिव पिछली समिति के ऊपर हेराफेरी का आरोप डालकर बचने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा पीसीआइ में सत्ता कब्जाने को लेकर आपस में लड़ाई चल रही है। चंद्रशेखर गुट, तोमर को अध्यक्ष पद से निलंबित कर चुका है। इससे पहले तोमर ने विरोधी खेमे के पांच लोगों को निलंबित किया था।
तोमर विरोधी गुट पर हेराफेरी के संकेत देकर खिलाड़ियों का धन हड़पने मामले की रिटायर्ड जजों की समिति से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वह खुद मान रहे हैं कि पीसीआइ में सब कुछ ठीक नहीं है और इसमें आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है। यही नहीं पिछले पांच सालों में इस संस्था के चार चुनाव हो चुके हैं।
खेल मंत्रालय बुधवार को होने वाली बैठक में इन दोनों अधिकारियों से पिछले महीने गाजियाबाद में हुई पैरा एथलेटिक्स प्रतियोगिता में बदइंतजामी के जिम्मेदारों और उनके खिलाफ अब तक हुई कार्रवाई के बारे में भी जवाब-तलब करेगा। यही नहीं उनसे यह भी पूछा जाएगा कि मई में दिल्ली में प्रस्तावित पहली इंडियन ओपन पैरालंपिक प्रतियोगिता को लेकर उनकी तैयारियां किस स्तर पर हैं और वे इसको करा पाने की स्थिति में हैं या नहीं।