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अच्छी खबर: शूमाकर आए कोमा से बाहर, अस्पताल से मिली छुट्टी

फॉर्मूला-1 चैंिपयन माइकल शूमाकर कोमा से बाहर आ गए हैं और उन्हें फ्रेंच अस्पताल से स्विट्जरलैंड स्थानांतरित कर दिया गया है। जर्मनी के स्टार ड्राइवर शूमाकर की मैनेजर सबीन केहम ने कहा कि शूमाकर को फ्रांस के ग्रेनोबल के अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वह दिसंबर से इसी में इलाज करा रहे थे। अस्पताल की प्रवक्ता डैर्सी क्रिस्टिन ने कहा कि 45 वर्षीय एफ-1 ड्राइवर को स्विट्जरलैंड के शहर लुसाने के एक अस्पताल में ले जाया गया है, जहां उनका आगे का इलाज होगा।

By Edited By: Published: Mon, 16 Jun 2014 04:21 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jun 2014 09:02 PM (IST)
अच्छी खबर: शूमाकर आए कोमा से बाहर, अस्पताल से मिली छुट्टी

लुसाने। फॉर्मूला-1 चैंिपयन माइकल शूमाकर कोमा से बाहर आ गए हैं और उन्हें फ्रेंच अस्पताल से स्विट्जरलैंड स्थानांतरित कर दिया गया है। जर्मनी के स्टार ड्राइवर शूमाकर की मैनेजर सबीन केहम ने कहा कि शूमाकर को फ्रांस के ग्रेनोबल के अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। वह दिसंबर से इसी में इलाज करा रहे थे। अस्पताल की प्रवक्ता डैर्सी क्रिस्टिन ने कहा कि 45 वर्षीय एफ-1 ड्राइवर को स्विट्जरलैंड के शहर लुसाने के एक अस्पताल में ले जाया गया है, जहां उनका आगे का इलाज होगा।

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मैनेजर सबीन केहम ने कहा कि शूमाकर केपरिवार ने अस्पताल के डॉक्टरों, नर्स और थेरेपिस्ट तथा दुर्घटना के वक्त प्राथमिक उपचार देने वालों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अपना काम शानदार तरीके से किया।

कार रेसिंग में इतिहास रचने वाले शूमाकर फ्रांस में 29 दिसंबर को स्कीइंग करते समय दुघर्टना का शिकार हो गए थे। उनका सिर एक पत्थर से टकरा गया था, जिसके बाद से वह कोमा में थे और फ्रांस के ही ग्रेनोबल शहर में एक अस्पताल में भर्ती थे। वहां उनके दो ऑपरेशन हुए जिनमें उनके दिमाग से खून के थक्के हटाए गए।

शूमाकर ने 19 साल के फॉर्मूला-1 करियर को 2012 में अलविदा कहा था। उन्होंने बेनटन के साथ 1994 और 1995 में खिताब जीते थे। उन्होंने 1996 में फेरारी के साथ कार रेसिंग शुरू की और तब से 2000 तक लगातार पांच बार खिताब जीते।

शूमी के कोमा से बाहर आने पर जताई खुशी

नई दिल्ली। दिग्गज फॉर्मूला-1 रेसर शूमाकर के कोमा से बाहर आने की खबर से भारतीय रेसिंग जगत में भी खुशी छा गई। जेके रेसिंग टीम के प्रमुख संजय शर्मा ने कहा, 'रेसिंग जगत के लिए इससे अच्छी खबर हो ही नहीं सकती। रेसिंग की दुनिया में आर्यटन सेना के बाद शूमाकर के सबसे ज्यादा प्रशंसक हैं। आप इस बात का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि जब से शूमाकर ने फॉर्मूला-1 को अलविदा कहा तब से इस खेल के प्रशंसकों में भी कमी आई है।' भारत के टॉप रेसरों में शुमार अरमान इब्राहिम ने भी खुशी जताते हुए कहा, 'भारत ही नहीं पूरे विश्व के लोग शूमी को प्यार करते हैं। यह दुआओं का ही असर है कि वह इतनी गंभीर चोट से वापस आ गए।'

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