रजत पदक बेटे के लिए जन्मदिन का तोहफा: विजेंद्र
नई दिल्ली। भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने सूजे चेहरे, हाथ की मांसपेशियों में चोट और फ्लू के कारण खराब गले के बावजूद अपने बेटे के लिए जन्मदिन के तोहफे के रूप में कॉमनवेल्थ गेम्स का रजत पदक हासिल किया। मिडिलवेट में दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंद्र को शनिवार देर रात फाइनल में इंग्लैंड के एंटोनी फाउलर से ह
नई दिल्ली। भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंद्र सिंह ने सूजे चेहरे, हाथ की मांसपेशियों में चोट और फ्लू के कारण खराब गले के बावजूद अपने बेटे के लिए जन्मदिन के तोहफे के रूप में कॉमनवेल्थ गेम्स का रजत पदक हासिल किया। मिडिलवेट में दुनिया के पूर्व नंबर एक मुक्केबाज विजेंद्र को शनिवार देर रात फाइनल में इंग्लैंड के एंटोनी फाउलर से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
हरियाणा के इस छह फुट के मुक्केबाज ने कहा कि सोमवार को मेरे बेटे का जन्मदिन है, इसलिए यह पदक उसके लिए है। यह उसके जन्मदिन का तोहफा है। स्वर्ण पदक बेहतर होता, लेकिन यह रजत पदक भी मैं उसे समर्पित करता हूं। वह मेरी दुनिया है। विजेंद्र ने कहा कि इस चोट के लिए उन्हें डॉक्टरों से सलाह लेनी होगी।
28 वर्षीय मुक्केबाज ने कहा, 'मुझे बाउट के दौरान यह चोट लग गई। बायें हाथ में यह मांसपेशियों की चोट है। इससे मुझे तुरंत झटका लगा जिससे विपक्षी मुक्केबाज ने बढ़त बना ली, लेकिन मुझे लगता है कि मैं अंतिम राउंड में फिर भी चुनौती देने में सफल रहा। रविवार को जब मैं उठा तो मेरा चेहरा सूजा हुआ था और मेरा बायां हाथ बुरी तरह से दर्द कर रहा था।
इतना ही नहीं मुझे फ्लू भी था। मैं प्रत्येक बाउट से पहले पैरासीटामोल की गोली ले रहा था। लेकिन यह कोई बहाना नहीं हो सकता, मैं हार गया और यह निराशाजनक है। लेकिन मैं इस बात से खुश हूं कि मैं शारीरिक रूप से शत प्रतिशत फिट नहीं होने के बावजूद अच्छा खेला।'