गोल्ड मेडल जीतने के बाद 'अपनी मौत' चाहतीं हैं ये महिला एथलीट
रियो में चल रहे पैरालंपिक गेम्स में एक ऐसी एथलीट भी हिस्सा ले रही हैं जो इन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपनी मौत चाहती हैं।
नई दिल्ली। रियो में चल रहे पैरालंपिक गेम्स में एक ऐसी एथलीट भी हिस्सा ले रही हैं जो इन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपनी मौत चाहती हैं। दरअसल ये महिला एथलीट रीढ़ की हड्डी से जुड़ी एक गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं और उनकी जिंदगी अब व्हील चेयर पर सिमट गई है।
कौन हैं ये महिला एथलीट
बेल्जियम की तरफ से रियो में हिस्सा ले रहीं मारीके वेरवूर्ट पैराट्राइथलॉन एथलीट हैं। मारीके रीढ़ की हड्डी से जुड़ी के गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और ये लाइलाज है। मारीके 37 वर्ष की हैं और इस बीमारी की वजह से रात में सिर्फ 10 मिनट ही सो पातीं हैं। इस बीमारी की वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार नहीं सो पाने की वजह से वो कभी भी बेहोश हो जाती हैं।
गोल्ड जीतने के बाद चाहतीं हैं अपनी मौत
मारीके ने स्थानीय मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि वो इस पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद इच्छा मृत्यु ले लेंगी। आपको बता दें कि बेल्जियम में इच्छा मृत्यु वैध है और कानूनी तौर पर इसकी आज्ञा मिल जाती है। बेल्जियम में साल 2002 में इच्छा मृत्यु को कानूनी तौर पर मंजूरी दे दी गई थी लेकिन इसके लिए तीन डॉक्टर्स की परमिशन लेना जरूरी है।