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ज्वाला ने सरकार पर ऐसे निकाला गुस्सा, 'यहां सिफारिश और पत्रों से मिलते हैं पुरस्कार'

पद्म पुरस्कारों के लिए न चुने जाने को लेकर निराश ज्वाला ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।

By ShivamEdited By: Published: Thu, 26 Jan 2017 10:33 PM (IST)Updated: Fri, 27 Jan 2017 04:54 PM (IST)
ज्वाला ने सरकार पर ऐसे निकाला गुस्सा, 'यहां सिफारिश और पत्रों से मिलते हैं पुरस्कार'
ज्वाला ने सरकार पर ऐसे निकाला गुस्सा, 'यहां सिफारिश और पत्रों से मिलते हैं पुरस्कार'

हैदराबाद। अपने बेबाक बयानों के लिए आए दिन चर्चा में रहने वाली भारतीय डबल्स बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा ने एक बार फिर अपने बयान से खलबली मचा दी। पद्म पुरस्कारों के लिए न चुने जाने को लेकर निराश ज्वाला ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली।

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ज्वाला ने आज सोशल मीडिया पर लिखा कि पुरस्कार (पद्म पुरस्कार) उन्हीं को मिलते हैं जो सिफारिशी पत्र लेकर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं हमेशा से ये सोचती हूं कि जो हमारे देश के सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक हैं उसके लिए आवेदन करना पड़ता है..लेकिन यही प्रक्रिया है, इसलिए मैंने भी प्रक्रिया का पालन किया। इसलिए आवेदन किया क्योंकि ये पुरस्कार मिलना बड़ा सम्मान है। इसलिए भी आवेदन किया क्योंकि मुझे लगा कि मैंने अपने खेल से देशवासियों को गौरवान्वित किया और मैं इसकी हकदार हूं।'

ज्वाला यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने आगे लिखा, 'मुझे अब देश से खेलते हुए 15 से ज्यादा साल हो चुके हैं। इस दौरान मैंने कई बड़ी प्रतियोगिताएं जीतीं। तो मैंने भी सोचा कि मुझे आवेदन करना चाहिए लेकिन लगता है ये कभी काफी नहीं होता। आपको सिफारिशें और सिफारिशें ही चाहिए होती हैं ये बताने के लिए आप अवॉर्ड के हकदार हो। आपको कहलाना पड़ता है, पत्र लाने होते हैं और ये सूची कभी खत्म नहीं होती लेकिन सवाल अभी यही है कि मुझे आवेदन करने या पुरस्कार के लिए सिफारिशों की क्या जरूरत है? क्या मेरी सफलताएं काफी नहीं हैं? मैं सही में इस प्रक्रिया को समझना चाहती हूं। दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड और फिर ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल क्या काफी नहीं है? क्या विश्व चैंपियनशिप में मेरा पदक काफी नहीं है? मैंने सुपरसीरीज में शानदार प्रदर्शन किया और महिला डबल्स व मिक्स्ड डबल्स विश्व रैंकिंग में भी टॉप-10 में रही, ग्रां प्रि गोल्ड भी जीता, क्या ये काफी नहीं है?'

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ज्वाला ने इसके आगे लिखा, 'मैं 15 बार की राष्ट्रीय चैंपियन हूं और ओलंपिक इतिहास में एक ही संस्करण में दो इवेंट (डबल्स और मिक्स्ड डबल्स) में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय (शटलर) हूं। प्रकाश पादुकोण सर के बाद विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली मैं पहली भारतीय थी और न जाने कितने अन्य में पहली बार..।' पुरस्कारों की सूची में अपना नाम न होने से निराश ज्वाला ने कहा, 'मैंने अपने देश में डबल्स बैडमिंटन का रास्ता दिखाया जब कोई भी इसको गंभीरता से नहीं ले रहा था..लेकिन शायद ये कभी काफी नहीं होता। क्यो? क्या इसलिए क्योंकि मैं हर बार बेबाकी से बातें बोल देती हूं? आखिर क्यों मुझे इस पुरस्कार के लिए नजरअंदाज किया जा रहा है। अब तो मुझे भी नहीं पता कि मुझे इस पुरस्कार को कैसे मांगना चाहिए, या मैं इसके काबिल ही नहीं हूं। अगर ये काफी नहीं है, तो आखिर क्या है?।' ज्वाला ने अपनी बात तो यहां खत्म कर दीं लेकिन तमाम सवाल जरूर पीछे छोड़ दिए हैं जो आगे नए विवाद का रूप ले सकते हैं।

- ये हैं इस बार पद्म पुरस्कारों के लिए घोषित खिलाड़ियों के नाम

विराट कोहली (क्रिकेट), विकास गौड़ा (डिस्कस थ्रो), दीपा मलिक (पैरालंपियन), दीपा करमाकर (जिमनास्टिक्स), मरियप्पन थंगवेलु (पैरालंपियन), शेखर नाइक (नेत्रहीन क्रिकेट), पीआर श्रीजेश (हॉकी) और साक्षी मलिक (कुश्ती)।

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