पिता ने कहा था 'पढ़ाई छोड़ो, मैदान पर जाओ', अब बेटा रच रहा है इतिहास
सैम क्वेरी ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया कि वो बड़े मंच पर बड़े उलटफेर करने में सक्षम हैं।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। 'पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब'..आमतौर पर यही देखने को मिलता है कि परिजन बच्चों को खेल से ज्यादा पढ़ाई में मन लगाने के लिए कहते हैं। उनकी अपनी वाजिब चिंताएं होती हैं लेकिन बदलते समय के साथ कुछ कहानियां ऐसी भी सामने आती रही हैं जहां परिजनों की सोच इससे ठीक उलट रही है। आजकल खेल के मैदान पर एक खिलाड़ी दुनिया भर में सुर्खियां बटोर रहा है और उसकी कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
- सुपर सैम का धमाल
हम यहां बात कर रहे हैं अमेरिका के 29 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी सैम क्वेरी की। टेनिस के सबसे पुराने व सबसे प्रतिष्ठित ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट विंबलडन में इन दिनों हर जगह बस इसी खिलाड़ी की चर्चा है। क्वेरी ने पिछले साल दो बार के विंबलडन चैंपियन नोवाक जोकोविक को क्वार्टर फाइनल में हराते हुए दुनिया को चौंका दिया था। कुछ लोगों को लगा था कि ये सिर्फ किस्मत का खेल या फिर बस एक तुक्का था लेकिन क्वेरी ने इस विंबलडन में फिर सबको चौंकाते हुए खुद को साबित किया। बुधवार को 28वीं रैंकिंग वाले क्वेरी ने मौजूदा विंबलडन चैंपियन और विश्व के नंबर.1 खिलाड़ी एंडी मरे को हराकर बाहर का रास्ता दिखाया और सेमीफाइनल में जगह बनाई। हालांकि शुक्रवार को खेले गए सेमीफाइनल में क्रोएशिया के मारिन सिलिक ने उन्हें मात देकर एक बार फिर फाइनल तक जाने का उनका सपना तोड़ दिया। पिछले आठ सालों में किसी मेजर टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले वो पहले अमेरिकी खिलाड़ी हैं। आखिरी बार अमेरिका के एंडी रॉ़डिक 2009 में विंबलडन फाइनल में पहुंचे थे हालांकि वहां उन्हें फेडरर के हाथों हार मिली थी। अमेरिका की तरफ से आखिरी बार कोई ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाले भी रॉडिक ही थे जिन्होंने 2003 में यूएस ओपन का खिताब जीता था। वहीं सिर्फ विंबलडन की बात करें तो आखिरी बार 2000 में किसी अमेरिकी खिलाड़ी ने ये खिताब जीता था और वो थे महान खिलाड़ी पीट सैमप्रास।
- चार साल की उम्र में मां ने थमाया रैकेट
टेनिस के साथ क्वेरी का नाता चार साल की उम्र में ही जुड़ गया था। इसका जरिया बनी थीं उनकी मां। क्वेरी की मां शुरुआत से चाहती थीं कि उनका बेटा कुछ अलग करके दिखाए इसलिए कम उम्र में ही उनके हाथों में रैकेट थमा दिया गया। क्वेरी बचपन में ही ठानकर बैठ गए थे कि टेनिस में कुछ तो करके दिखाना है। उनकी मां एक टेनिस क्लब में काम करती थीं और इसी दौरान क्वेरी इस क्लब में जाने लगे जहां वो अपने से काफी बड़े बच्चों के साथ टेनिस खेलते थे। उनकी चाह और प्रतिभा को देखते हुए उन्हें क्लब ने इजाजत भी दे दी।
- पिता का मिला पूरा समर्थन, खुद कहा, 'पढ़ाई छोड़ो'
सैम के पिता माइक अमेरिका की एरीजोना यूनिवर्सिटी में बेसबॉल खिलाड़ी रह चुके थे हालांकि वो शीर्ष स्तर पर अपने करियर को आगे नहीं बढ़ा सके। जब अपने बेटे को टेनिस खेलते देखा तो माइक ने उसके जरिए अपना सपना पूरा होता दिखने लगा। इसी कड़ी में एक ऐसा समय आया जब क्वेरी के सामने दो रास्ते थे, पहला कि वो कॉलेज जाकर अपनी पढ़ाई पूरी करें और दूसरा कि वो कॉलेज छोड़कर पेशेवर टेनिस की ओर रुख करें। उस दौरान उनके पिता ने बेटे को हौसला दिया और कहा कि वो कॉलेज छोड़कर टेनिस में कदम आगे बढ़ाएं। आज उसका संघर्ष और विश्वास का नतीजा दुनिया के सामने हैै।
- सबसे लंबा खिलाड़ी और वो बेहद शानदार रिकॉर्ड
टेनिस इतिहास में बहुत कम ही खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिनका कद चर्चा का विषय बना हो। मौजूदा टेनिस सर्किट में सैम क्वेरी इसी चीज को लेकर काफी चर्चा बटोर चुके हैं। सैम की हाइट 6 फीट 6 इंच है। उनको पहली बार कोई देखता है तो उसे ऐसा ही लगता है जैसे कोई बास्केटबॉल का खिलाड़ी खड़ा हो लेकिन सैम ने अपने इस कद का टेनिस में काफी फायदा उठाया। इसका सबसे ज्यादा असर उनकी सर्विस में दिखा और यही वजह है कि लगातार 10 एस (सर्विस पर पोइंट) दर्ज करने का रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है।
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