मेसी को रोक पाना मुश्किल
फीफा विश्व कप के दूसरे दौर में नजदीकी मुकाबले देखने को मिले। कोलंबिया को छोड़कर बाकी सात टीमों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। ब्राजील और कोस्टा रिका को पेनाल्टी शूट आउट में सफलता मिली, जबकि जर्मनी, अर्जेंटीना और बेल्जियम को अतिरिक्त समय की जरूरत पड़ी। फ्रांस और नीदरलैंड्स को निर्धारित समय के
(रॉल गोंजालेज का कॉलम)
फीफा विश्व कप के दूसरे दौर में नजदीकी मुकाबले देखने को मिले। कोलंबिया को छोड़कर बाकी सात टीमों को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। ब्राजील और कोस्टा रिका को पेनाल्टी शूट आउट में सफलता मिली, जबकि जर्मनी, अर्जेंटीना और बेल्जियम को अतिरिक्त समय की जरूरत पड़ी। फ्रांस और नीदरलैंड्स को निर्धारित समय के अंत में जीत नसीब हुई। यह बताता है कि ब्राजील में चल रहे टूर्नामेंट का स्तर बेहद ऊंचा है।
स्विट्जरलैंड ने अर्जेंटीना के लिए मुश्किल खड़ी की। स्विस कोच ओटमार हिट्जफेल्ड का यह अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच था और इस अनुभवी जर्मन ने दिखा दिया कि क्यों उनकी इतनी प्रतिष्ठा है। उनकी टीम ने सीमाओं के बावजूद मेसी की टीम के खिलाफ बेहतरीन खेल दिखाया। अगर भाग्य साथ देता तो परिणाम इसके विपरीत भी हो सकता था। हालांकि अब अर्जेंटीना से पार पाना किसी के लिए भी मुश्किल होगा।
अमेरिका के खिलाफ पहले हाफ में साधारण दिखने वाली बेल्जियम टीम के तेवर दूसरे हाफ में बदल गए। उसने अतिरिक्त समय में भी लगातार आक्रमण किए और दो गोल करके ही दम लिया। अपने सभी चारों मैचों में बेल्जियम ने देर से ही गोल दागे। यह दिखाता है कि जैसे-जैसे मैच आगे बढ़ता जाता है, यह टीम अपना खेल बेहतर करती जाती है। बड़े टूर्नामेंट के नॉक आउट दौर में यह मददगार साबित होता है। कोच मार्क विलमोट्स की टीम बड़े मैचों के लिए तैयार नजर आ रही है।
अगर आपकी टीम में कोई दिग्गज खिलाड़ी है, तो चीजें एकदम बदल जाती हैं। मेसी सभी चार मैचों में 'मैन ऑफ द मैच' रहे और उन्होंने लगातार अपना क्लास दिखाया। यह सच है कि उनकी टीम अर्जेंटीना कोई तुर्रमखां नहीं नजर आ रही है, लेकिन अगर आपके पास मेसी जैसा खिलाड़ी हो तो इससे विश्वास बढ़ता है। स्विस टीम ने मेसी को काफी देर तक रोके रखा, लेकिन उन्होंने भी आखिरकार मैच का रुख बदलने वाला खेल दिखा ही दिया। हर मैच में चौतरफा विपक्षी डिफेंडरों से घिरे रहने के बाद भी ऐसा कर पाना ही मेसी को असाधारण बनाता है। अर्जेंटीना ने 1986 विश्व कप के सेमीफाइनल में बेल्जियम को हराया था। इस बार भी अर्जेंटीना उस मैच को दोहराने के लिए तैयार है।