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अच्छी तैयारी है भारतीय टीम की

पूरी हॉकी दुनिया की निगाहें इस समय लखनऊ पर होंगी। अगले कुछ दिनों में यहां जबरदस्त संघर्ष देखने को मिलेगा।

By ShivamEdited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 06:50 PM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 06:52 PM (IST)
अच्छी तैयारी है भारतीय टीम की

(मनप्रीत सिंह का कॉलम)

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पूरी हॉकी दुनिया की निगाहें इस समय लखनऊ पर होंगी। अगले कुछ दिनों में यहां जबरदस्त संघर्ष देखने को मिलेगा। हर टूर्नामेंट से एक चैंपियन तो मिलता ही है। लेकिन जब बात जूनियर टूर्नामेंट की हो, तो उससे आपको खेल के भविष्य का भी पता चलता है। उत्तर प्रदेश जूनियर हॉकी विश्व कप हॉकी की दुनिया को उसके भविष्य का अंदाजा देने वाला है। उत्तर प्रदेश का वैसे भी भारतीय हॉकी में एक खास मुकाम रहा है। उम्मीद है कि यह टूर्नामेंट भारत के लिए कई ऐसे खिलाड़ी लेकर आएगा, जो भविष्य में देश की सेवा कर सकें।

वैसे भी टीम में ऐसे कई खिलाड़ी हैं, जो सीनियर स्तर पर अपना नाम कर रहे हैं। हरजीत सिंह हों या हरमनप्रीत सिंह, पिछले समय में इन्होंने देश का सीनियर स्तर पर प्रतिनिधित्व किया है। मनदीप सिंह लगातार टीम के साथ रहे हैं। गोलकीपर विकास दहिया के पास भी अनुभव है। कुल मिलाकर यह टीम प्रतिभा और अनुभव का बेहतरीन मिश्रण है।

टीम ने जिस तरह तैयारी की है, उससे पोडियम फिनिश की उम्मीद बंधती ही है। जूनियर टीम का कैंप बेंगलुरु में सीनियर्स के साथ लगा था, जहां हमें साथ अभ्यास करने का मौका मिला। सीनियर और जूनियर के बीच मैच होते थे। यहां पर जूनियर खिलाडि़यों में सीखने की इच्छा दिखाई दी। सीनियर्स ने सिखाया भी और जूनियर्स खुद भी आकर सीखने की इच्छा जताते दिखाई दिए, जो बहुत अच्छी बात है। टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने बहुत अच्छा काम किया ही है। उनको सीनियर टीम के कोच रोलैंट ओल्टमंस ने भी काफी सहयोग दिया है। मुझे लगता है कि टीम को अच्छा प्रदर्शन करना ही चाहिए।

मुझे लगता है कि इंग्लैंड के अलावा बाकी टीमें के साथ भारत को जीतने में उतनी मुश्किल नहीं होनी चाहिए। लेकिन इस तरह के टूर्नामेंट में किसी भी टीम को कमजोर आंकना सही नहीं होगा। हर टीम कुछ खास करने के इरादे से आती है। मुझे याद है, पिछली बार कनाडा ने हमको एक तरह से फंसा दिया था। इसलिए हमें कागज पर नहीं, मैदान पर सामने वाली टीम से बेहतर प्रदर्शन करना होगा, जिसके लिए टीम तैयार दिखाई दे रही है।

चार साल पहले भी यह इवेंट भारत में हुआ था। तब दिल्ली में मैं भी टीम का हिस्सा था। उस वक्त हमारी टीम अच्छी थी, लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी। लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि अपने घर में, अपने दर्शकों के सामने खेलना कमाल का अनुभव होता है। दर्शक आपकी टीम के लिए 12वें खिलाड़ी की भूमिका निभाते हैं। दबाव भी होता है, क्योंकि अपने लोगों के सामने आप हमेशा अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि हमारी टीम को घर में खेलने का फायदा ही होगा और जैसा मैंने शुरू में कहा, हमारी टीम चैंपियन बनने में कामयाब होगी।


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