डोपिंग में पकड़ा गया भारतीय पैरा पावरलिफ्टर
ग्लास्गो। कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने गए भारतीय दल को तब शर्मसार होना पड़ा, जब पैरा पावरलिफ्टर सचिन चौधरी को पिछले महीने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा प्रतियोगिता से इतर किये गये परीक्षण में प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया। आखिरी क्षणों में भारतीय टीम में शामिल किए गए चौधरी अपने पिता की बीमारी के कारण ग्ल
ग्लास्गो। कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने गए भारतीय दल को तब शर्मसार होना पड़ा, जब पैरा पावरलिफ्टर सचिन चौधरी को पिछले महीने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा प्रतियोगिता से इतर किये गये परीक्षण में प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया।
आखिरी क्षणों में भारतीय टीम में शामिल किए गए चौधरी अपने पिता की बीमारी के कारण ग्लास्गो छोड़कर स्वदेश चले गए थे, लेकिन अब पता चला है कि उन्हें नाडा के परीक्षण में डोपिंग में पकड़ा गया था। यह परीक्षण उनकेविदेश रवाना होने से पहले किया गया था।
पैरा खेलों के दल के एक सदस्य ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, 'यह सच है कि सचिन को प्रतिबंधित दवा के सेवन के लिए पॉजीटिव पाया गया है। नाडा ने लगभग एक महीने पहले परीक्षण किया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। वह ग्लास्गो नहीं लौटेगा और टीम मैनेजरों की बैठक में उसका नाम शुरुआती सूची से काट दिया गया है। सचिन अनुभवी पैरा एथलीट है और उससे पदक की उम्मीद थी। उसने 2012 लंदन पैरालंपिक और विश्व चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया था।' पैरा पावरलिफ्टिंग दो अगस्त को होनी है।
पता चला है कि खेल मंत्रालय ने भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआइ) से जब केवल उन्हीं खिलाड़ियों का नाम भेजने के लिए कहा, जिनसे पदक की उम्मीद हो तो चौधरी का नाम सूची से हटा दिया गया था। अधिकारी ने कहा, 'पहले पीसीआइ ने 16 नामों की सिफारिश की थी, लेकिन खेल मंत्रालय यह जानना चाहता था कि इनमें पदक के दावेदार कौन हैं। इसके बाद आइओए को फिर से भेजी गयी सूची में चौधरी का नाम नहीं था। लेकिन बाद में किसी तरह से उसका नाम शामिल कर दिया गया।'