सांप का खून पीने वाले होरवाथ को भारतीय मुक्केबाज विजेंदर ने दी मात
भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपने चौथे पेशेवर मुकाबले में हंगरी के एलेक्जेंडर होरवाथ को तीन राउंड में ही धूल चटा दी। यह ओलिंपिक पदक विजेता विजेंदर की लगातार चौथी पेशेवर जीत है। इस मुकाबले के लिए होरवाथ जहां सांपों का खून पीकर तैयारी कर रहे थे, वहीं विजेंदर ने
लिवरपुल। भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने अपने चौथे पेशेवर मुकाबले में हंगरी के एलेक्जेंडर होरवाथ को तीन राउंड में ही धूल चटा दी। यह ओलिंपिक पदक विजेता विजेंदर की लगातार चौथी पेशेवर जीत है। इस मुकाबले के लिए होरवाथ जहां सांपों का खून पीकर तैयारी कर रहे थे, वहीं विजेंदर ने देसी घी और दूध पीकर अपनी तैयारियों को अंजाम दिया था। मैच में 30 साल के विजेंदर अपने से 10 साल छोटे प्रतिद्वंद्वी पर भारी पड़े।
पहले राउंड में विजेंदर ने होरवाथ के खिलाफ सतर्क शुरुआत की। भारतीय मुक्केबाज के कुछ पंच निशाने पर लगे और उन्होंने यह दौर अपने नाम कर लिया। दूसरा दौर बराबरी का रहा। हंगरी के मुक्केबाज ने दिखाया कि वह मुकाबले से पूर्व जो बयानबाजी कर रहा था वह यू ही नहीं थी।
होरवाथ ने कई अच्छे हाथ दिखाए। लेकिन तीसरे दौर में विजेंदर ने कुछ जोरदार प्रहार किए, जिसके सामने होरवाथ लड़खड़ा गए। उनका एक कंधा चोटिल हो गया। उसके बाद वह रेफरी की गिनती खत्म होने के बाद भी मुकाबला जारी रखने में असफल रहे। होरवाथ अब तक के सबसे अनुभवी प्रतिद्वंद्वी थे, जिनसे विजेंदर को भिड़ना पड़ा है।
इससे पहले विजेंदर ने सोनी व्हाइटिंग और डीन गिलेन को भी नॉक आउट किया था जबकि सामेत ह्यूसेनोव को भी करारी शिकस्त दी थी। इन तीनों मुकाबलों के दौरान उन्होंने कुल छह राउंड भी नहीं लड़े हैं। इन सब के मुकाबले होरवाथ ज्यादा अनुभवी थे। उन्होंने 7 में से 5 मुकाबले जीते थे और उन्हें 31 राउंड लड़ने का अनुभव था। इस जीत से विजेंदर को डब्ल्यूबीओ एशिया बेल्ट के लिए होने वाले खिताबी मुकाबले से पहले आत्मविश्वास मिलेगा। यह मुकाबला भारत में ही जून में होगा।