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भारतीय मुक्केबाज सतीश को कांस्य से संतोष करना पड़ा

भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार को सुपर हेवीवेट (+91 किलोग्राम) वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा जिसके साथ ही उन्हें कांस्य पदक

By Jagran News NetworkEdited By: Published: Thu, 02 Oct 2014 02:40 PM (IST)Updated: Thu, 02 Oct 2014 02:55 PM (IST)
भारतीय मुक्केबाज सतीश को कांस्य से संतोष करना पड़ा

इंचियोन। भारतीय मुक्केबाज सतीश कुमार को सुपर हेवीवेट (+91 किलोग्राम) वर्ग के सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा जिसके साथ ही उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। ये भारत का इन एशियन गेम्स में 51वां मेडल रहा।

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सेमीफाइनल मुकाबले में कजाकिस्तान के लंबे-चौड़े मुक्केबाज इवान डिचको पूरी तरह से सतीश पर हावी नजर आए। पूरे मुकाबले में एक भी ऐसा मौका नहीं आया जब सतीश ने डिचको को परेशान किया हो। कजाकिस्तान के इवान डिचको ने ओलंपिक में कांस्य पदक जबकि ग्वांग्झू एशियन गेम्स में रजत पदक जीता था। वहीं, सतीश उनसे सफलता के साथ-साथ कद-काठी के मामले में भी काफी कम नजर आए। सतीश की हाइट 6 फुट 2 इंच है जबकि कजाकिस्तान के डिचको 6 फुट 9 इंच के मुक्केबाज हैं। पूरे मुकाबले में सतीश उन तक अपने मुक्के पहुंचाने की जद्दोजहद में ही जुटे रहे जबकि डिचको ने आसानी से अपने लंबे हाथों का फायदा उठाते हुए हर वार से सतीश को परेशान किया। मुकाबले के बाद सतीश ने भी माना कि उनके विरोधी मुक्केबाज को लंबाई का काफी फायदा मिला जिस वजह से वो उनके करीब नहीं जा सके। हालांकि सतीश ने खुशी जताई कि वो एशियन गेम्स मुक्केबाजी में पदक जीतने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुक्केबाज बने हैं।

2010 के संस्करण में भारतीय मुक्केबाजों ने एशियन गेम्स में 9 मेडल (दो स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य) अपने नाम किए थे जबकि इस बार उन्हें पांच पदकों के साथ ही लौटना पड़ेगा।

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