इस बार नहीं लगा पदकों का शतक, ये है भारतीय मेडल विजेताओं की पूरी लिस्ट
बेशक दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स (2010) में भारतीय खिलाड़ियों ने घर का पूरा फायदा उठाया और 100 से ज्यादा पदक जीतकर इतिहास रचा लेकिन चार साल बीतने के बाद इस बार जब भारतीय खिलाड़ी सरहद पार करके स्कॉटलैंड (ग्लासगो) पहुंचे तो प्रदर्शन अच्छा तो रहा लेकिन पिछली बार की तुलना में काफी फीका नजर आया। भारतीय खिला
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। बेशक दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स (2010) में भारतीय खिलाड़ियों ने घर का पूरा फायदा उठाया और 100 से ज्यादा पदक जीतकर इतिहास रचा लेकिन चार साल बीतने के बाद इस बार जब भारतीय खिलाड़ी सरहद पार करके स्कॉटलैंड (ग्लासगो) पहुंचे तो प्रदर्शन अच्छा तो रहा लेकिन पिछली बार की तुलना में काफी फीका नजर आया। भारतीय खिलाड़ी ग्लास्गो में सिर्फ 64 पदकों पर ही सिमट गए। इसी के चलते पिछली बार दूसरे स्थान पर रहने वाला भारत इस बार पांचवें स्थान पर रहा।
दिल्ली में भारत ने 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य पदक जीते थे। ग्लास्गो में भारतीय खिलाड़ी 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदक ही जीत पाए। हालांकि इस बार प्रतियोगिताएं कम होने का खामियाजा भी भारत को भुगतना बड़ा। पहलवानों ने सर्वाधिक पांच स्वर्ण जीते, जबकि निशानेबाजों ने चार और भारोत्तोलकों के खाते में तीन पीले तमगे आए। इसके अलावा एथलेटिक्स में विकास गौड़ा ने और स्क्वॉश डबल्स में दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा की जोड़ी ने सोना जीता इतिहास रचा। खेलों के अंतिम दिन बैडमिंटन के पुरुष सिंगल्स में पी कश्यप ने 32 साल बाद स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय खेमे में खुशी ला दी।
स्टार जो रहे फ्लाप:
लंदन ओलंपिक के रजत पदक और दिल्ली खेलों में तीन स्वर्ण सहित चार पदक जीतने वाले निशानेबाज विजय कुमार और हिना सिद्धू का निशाना चूक गया तो गगन नारंग को भी रजत और कांसे से ही संतोष करना पड़ा। एथलीट कृष्णा पूनिया ने भी निराश किया। जिम्नास्ट आशीष कुमार भी खाली हाथ लौटे।
जो बने हीरो:
भारोत्तोलक में सतीश शिवलिंगम और विकास ठाकुर, निशानेबाजी में जीतू राय और मलाइका गोयल, जिम्नास्टिक में दीपा करमाकर, एथलेटिक्स में विकास गौड़ा व सीमा पूनिया, स्क्वॉश में दीपिका पल्लीकल व जोशना चिनप्पा और बैडमिंटन में पी कश्यप ने अपने प्रदर्शन से लोगों का दिल जीत लिया।
हरियाणा का जलवा:
कॉमनवेल्थ गेम्स में एक बार फिर हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा रहा। हरियाणा के खिलाड़ियों ने इन खेलों में पांच स्वर्ण, 11 रजत और तीन कांस्य सहित कुल 19 पदक अपनी झोली में डाले। यही नहीं भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह भी हरियाणा के ही हैं। उनकी अगुआई में हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार रजत पदक जीता।
एक नजर सभी भारतीय पदक विजेताओं पर:
- (स्वर्ण पदक):
संजीता चानू (भारोत्तोलन )
सुखेन डे (भारोत्तोलन )
सतीश शिवलिंगम (भारोत्तोलन)
अभिनव बिंद्रा (निशानेबाजी)
अपूर्वी चंदेला (निशानेबाजी)
राही सरनोबत (निशानेबाजी)
जीतू राय (निशानेबाजी)
अमित कुमार (कुश्ती)
विनेश फोगट (कुश्ती)
सुशील कुमार (कुश्ती)
बबीता कुमारी (कुश्ती)
योगेश्वर दत्त (कुश्ती)
विकास गौड़ा (चक्का फेंक)
दीपिका पल्लीकल व जोशना चिनप्पा (स्क्वॉश)
पी कश्यप (बैडमिंटन)
- (रजत पदक विजेता):
मीराबाई चानू (भारोत्तोलन)
संतोषी मात्सा (भारोत्तोलन)
सुशीला लिक्माबाम (जूडो)
नवजोत चाना (जूडो)
मलायका गोयल (निशानेबाजी)
प्रकाश नांजप्पा (निशानेबाजी)
अयोनिका पॉल (निशानेबाजी)
अनीसा सैयद (निशानेबाजी)
श्रेयसी सिंह (निशानेबाजी)
रवि कातुलू (भारोत्तोलन)
गुरपाल सिंह (निशानेबाजी)
गगन नारंग (निशानेबाजी)
विकास ठाकुर (भारोत्तोलन)
हरप्रीत सिंह (निशानेबाजी)
संजीव राजपूत (निशानेबाजी)
राजीव तोमर (कुश्ती)
ललिता कुमारी (कुश्ती )
बजरंग (कुश्ती)
साक्षी मलिक (कुश्ती)
सत्यव्रत कादियान (कुश्ती )
गीतिका जाखड़ (कुश्ती )
सीमा पूनिया (डिस्कस थ्रो)
अचंत शरत कमल और एंथोनी अमलराज (टेबल टेनिस)
लैशराम देवेंद्रो मुक्केबाजी)
देवेंद्रो सरिता (मुक्केबाजी)
मनदीप जांगड़ा (मुक्केबाजी)
विजेंद्र सिंह (मुक्केबाजी)
राजिंदर रहेलू (पावरलिफ्टिंग)
ज्वाला व अश्विनी पोनप्पा (बैडमिंटन)
पुरुष हॉकी टीम
- (कांस्य पदक):
गणेश माली (भारोत्तोलन)
कल्पना (जूडो)
स्वाति सिंह (भारोत्तोलन)
राजविंदर कौर (जूडो)
ओंकार ओटारी (भारोत्तोलन)
मुहम्मद असब (निशानेबाजी)
पूनम यादव (भारोत्तोलन)
मानवजीत सिंह संधू (निशानेबाजी)
गगन नारंग (निशानेबाजी)
लज्जा गोस्वामी (निशानेबाजी)
चंद्रकांत माली (भारोत्तोलन)
नवजोत कौर (कुश्ती)
दीपा करमाकर ( जिम्नास्टिक)
पवन कुमार (कुश्ती)
पिंकी जांगड़ा (मुक्केबाजी)
सकीना खातून (पावरलिफ्टिंग)
पीवी सिंधू (बैंडमिंटन)
आरवी गुरुसाइदत्त (बैंडमिंटन)
अरपिंदर सिंह (ट्रिपल जंप)