कटौती से नाराज हॉकी इंडिया ने की सरकार की आलोचना
हॉकी इंडिया ने एशियन गेम्स में जाने वाली भारतीय हॉकी टीम से एक कोच सहित चार सहयोगी स्टाफ को हटाने के भारत सरकार के निर्णय
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। हॉकी इंडिया ने एशियन गेम्स में जाने वाली भारतीय हॉकी टीम से एक कोच सहित चार सहयोगी स्टाफ को हटाने के भारत सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की। हॉकी इंडिया के महासचिव नरेंद्र बत्रा, टीम के हाई परफॉर्मेंस निदेशक रोलेंट ओल्टमेंस और कोच टेरी वाल्श ने आखिरी क्षणों में हॉकी टीम के वीडियो एनालिस्ट अमुथा प्रकाश, फिजियोथेरेपिस्ट गौरव मेहरा, साइंटिफिक/फिटनेस एडवाइजर मैथ्यू डेविड और कोच जूड फेलिक्स को हटाने की कड़ी आलोचना की है।
बत्रा ने खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को पत्र लिखकर कहा कि खेल सचिव अजित एम शरण और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के महानिदेशक जीजी थॉमसन इसके लिए जिम्मेदार हैं। हम आपसे मांग करते हैं कि वे बताएं कि इन चारों का नाम किस आधार पर काटा गया है। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि फाइनल लिस्ट जारी करने में देरी में पूरा दोष साइ और खेल सचिव का है और अब सार्वजनिक रूप से इसके लिए पीएमओ को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
हॉकी इंडिया ने संभावित दल की लिस्ट पिछले साल अक्टूबर में दे दी थी और महासंघ इन लोगों को अपने खर्चे पर भी ले जाने के लिए तैयार था, लेकिन पिछले 11 महीने से साइ और खेल मंत्रालय से कोई भी पत्राचार नहीं हुआ। अगर सरकार आर्थिक कारणों से इन चारों को नहीं भेजना चाहती तो उसे हॉकी इंडिया को इस बात की अनुमति देनी चाहिए कि हम अपने खर्चे से इनको वहां भेजें जिससे भारतीय हॉकी टीम के खेल में कोई दिक्कत नहीं आए।
ओल्टमेंस ने कहा कि मैं आश्चर्यचकित हूं। पिछले 30 साल के पेशेवर करियर में मैंने ऐसी स्थिति नहीं देखी है। मुख्य लोगों के बिना टीम का काम नहीं चलेगा और टीम के प्रदर्शन में असर पड़ेगा। हमें शुक्रवार को इंचियोन जाना था, लेकिन अभी तक हमें पता नहीं है कि हम कब जाएंगे। हमें अभी तक हवाई टिकट नहीं मिले हैं। यह सब प्रदर्शन पर असर डालेंगे। भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कोच टेरी वाल्श परेशान और आश्चर्यचकित हैं। जो भी हो रहा है मैं उससे दुखी हूं। हमें पता ही नहीं है कि हम कब एशियन गेम्स के लिए जाएंगे। हमारी अपनी योजनाएं थीं लेकिन अब सब बदल गया है।