दफ्तर के साथ खेल मैदान में लगानी होगी हाजिरी
हरियाणा में खेल कोटे से नौकरी पाने वाले खिलाडिय़ों की मुश्किलें अब बढऩे वाली हैं। मुक्केबाज विजेंद्र सिंह के पेशेवर खिलाड़ी बनने के बाद सरकार खेल कोटे से मिलने वाली नौकरियों के नियमों में बदलाव करने जा रही है। खेल मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
जागरण ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में खेल कोटे से नौकरी पाने वाले खिलाडिय़ों की मुश्किलें अब बढऩे वाली हैं। मुक्केबाज विजेंद्र सिंह के पेशेवर खिलाड़ी बनने के बाद सरकार खेल कोटे से मिलने वाली नौकरियों के नियमों में बदलाव करने जा रही है। खेल मंत्री अनिल विज ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। सरकार का निर्णय वाकई में उन खिलाडिय़ों की चिंता बढ़ाने वाला है, जो सरकारी नौकरी पाकर खेलना छोड़ देते हैं।
नए नियमों के मुताबिक खिलाडिय़ों को दफ्तर की तरह ही खेल के मैदान में भी हाजिरी लगानी होगी। वे नौकरी मिलने के छह वर्ष बाद तक मैदान में आना नहीं छोड़ सकते। खेल कोटे से नौकरी इसलिए दी जाती है ताकि वे खेल को बढ़ावा देने के लिए अपना योगदान दें। लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा। सरकार बहुत जल्द खेले कोटे में सरकारी नौकरियां पाने वाले खिलाडिय़ों के लिए नियमों में बदलाव करने जा रही है। अब खिलाडिय़ों को नौकरी मिलने के छह साल बाद तक प्रदेश के लिए खेलना ही होगा। इसे नियमों में अनिवार्य किया जा रहा है। साथ ही खिलाडिय़ों की हाजिरी कार्यालय के साथ-साथ खेल के मैदान में भी लगाई जाएगी।
मालूम हो कि मुक्केबाज विजेंद्र को भी हरियाणा में खेल कोटे के तहत डीएसपी पद पर नौकरी मिली हुई है। वह इंग्लैंड के एक क्लब के साथ करार कर पेशेवर खिलाड़ी बनने जा रहे हैं।