अलविदा ग्लास्गो, गोल्ड कोस्ट में होगी फिर मुलाकात
ग्लास्गो में 23 जुलाई से शुरू हुए 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स चार साल बाद गोल्ड कोस्ट में मिलने के वादे के साथ रविवार को यहां समाप्त हो गए, जिसमें इंग्लैंड ने 201
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। ग्लास्गो में 23 जुलाई से शुरू हुए 20वें कॉमनवेल्थ गेम्स चार साल बाद गोल्ड कोस्ट में मिलने के वादे के साथ रविवार को यहां समाप्त हो गए, जिसमें इंग्लैंड ने 2018 के मेजबान ऑस्ट्रेलिया की बादशाहत को समाप्त कर सर्वाधिक पदक जीतकर पहला स्थान हासिल किया।
मेजबान स्कॉटलैंड के मंत्री एलेक्स सालमंड का मानना है कि ग्लास्गो के खेल हर मायने में सफल रहे। उन्होंने कहा, 'मैंने इन खेलों से काफी उम्मीद लगा रखी थी। मुझे शुरू से विश्वास था कि हम शानदार खेलों का आयोजन कर सकते हैं। हम इसके लिए सात साल से काम कर रहे थे। अब हम पूरे गर्व के साथ बैटन गोल्ड कोस्ट को सौंप सकते हैं।' अगले कॉमनवेल्थ गेम्स अब 2018 में ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण पूर्वी क्वींसलैंड के तटीय शहर गोल्ड कोस्ट में होंगे।
ग्लास्गो का उदं्घाटन समारोह जितना भव्य था, समापन भी उतना ही शानदार रहा। रविवार देर रात हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत लुलु के गीत से हुई। उन्होंने अपना हिट नंबर गाया। वहां के नामी कलाकारों ने अपने मशहूर गीतों से हैम्पडन पार्क स्टेडियम में समां बांध दिया। इसके बाद आयोजन समिति के अध्यक्ष लॉर्ड स्मिथ ऑफ कैल्विन और कॉमनवेल्थ खेल महासंघ (सीजीएफ) के अध्यक्ष मलेशिया के प्रिंस इमरान ने संबोधित किया।
वेल्स की फ्रेंकी जोंस को ग्लास्गो खेलों की सर्वश्रेष्ठ एथलीट का 'डेविड निक्सन' अवार्ड प्रदान किया गया। रिदमिक जिम्नास्ट फ्रेंकी जोंस ने छह पदक जीते। उन्होंने इन खेलों के साथ ही संन्यास ले लिया।
गोल्ड कोस्ट ने अगले मेजबान शहर की शानदार झलक दिखायी। 'सिटी ऑफ गोल्ड' के नाम से मशहूर इस शहर के सुनहरे समुद्र तट की वीडियो क्लीपिंग दिखाकर उन्होंने भाग लेने वाले देशों के बीच अगले कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर उत्साह पैदा करने की कोशिश की। इस समारोह के दौरान पारंपरिक झंडा सौंपने का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसके तहत कॉमनवेल्थ ध्वज ग्लास्गो ने अगले मेजबान शहर के मेयर को सौंपा।
-15 स्वर्ण सहित 64 पदक जीतकर पांचवें स्थान पर रहा भारत
-58 स्वर्ण सहित कुल 174 पदक जीतकर पहले नंबर पर रहा इंग्लैंड
-137 पदकों के साथ ऑस्ट्रेलिया दूसरे स्थान पर रहा
-12 दिन चले खेलों में 71 देशों के 4500 खिलाड़ियों ने लिया भाग