भारत में ही हुआ था कैरम का जन्मः आरिफ
लखनऊ में जन्मे और बीते 53 साल से जर्मनी की राजधानी बर्लिन में प्रवासी भारतीय के रूप में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय कैरम फेडरेशन के अध्यक्ष आरिफ नकवी भारत को ही कैरम का जनक मानते हैं।
राघवेंद्र शुक्ल, मुरादाबाद। लखनऊ में जन्मे और बीते 53 साल से जर्मनी की राजधानी बर्लिन में प्रवासी भारतीय के रूप में रहने वाले अंतरराष्ट्रीय कैरम फेडरेशन के अध्यक्ष आरिफ नकवी भारत को ही कैरम का जनक मानते हैं।
टीएमयू में आयोजित राष्ट्रीय कैरम प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने पहुंचे फेडरेशन के अध्यक्ष आरिफ नकवी ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि कैरम का भविष्य उज्ज्वल है। यह अलग बात है कि यहां पिछले कुछ सालों से इसे वह मुकाम नहीं मिल सका, फिर भी जो खिलाड़ी हैं, वे बेहतर हैं।
उन्होंने कहा मुरादाबाद में सीनियर स्तर की इस प्रतियोगिता के कई मैच मैंने देखे। लगा कि कोई अंतरराष्ट्रीय मैच देख रहा हूं। निश्चित तौर पर यहां के खिलाडिय़ों का जवाब नहीं है। क्रिकेट, फुटबाल, हॉकी की तरह इस खेल को उतना सम्मान नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि भारत की लोककला को भी तवज्जो नहीं मिली थी, पर वर्तमान परिवेश देखिए। लोककला को पूरा बढ़ावा मिल रहा है। कैरम को बढ़ावा देने में केंद्र की नयी सरकार के कदम संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं जर्मनी में रहता हूं। मुझे यहां के राजनीतिक मसले में हस्तक्षेप करना उचित नहीं लग रहा है। फिर भी उन्होंने केंद्र सरकार को इस खेल को बढ़ावा देने का प्रयास करने का सुझाव दिया। बेरोजगार युवकों को इस खेल के जरिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
एक सवाल के जवाब में आरिफ ने कहा कि कैरम हमारे देश से शुरू हुआ खेल है। हमारे देश का तात्पर्य उनका भारत से था। जो व्यक्ति बीते 53 साल से जर्मनी में बस गया हो। वहां की आबोहवा उनके मन हो। उस व्यक्ति का यह 'हमारे' शब्द भारत के प्रति उनके मन में छुपे असीमित प्यार को दर्शाता है।